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Bhopal KamalNath vs Shivraj: कमलनाथ ने सीएम को बताया अस्थिर मति का व्यक्ति, सचिन यादव ने भी दागे सवाल

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Published : Jan 28, 2023, 8:01 PM IST

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल क्या पूछा स्वयं कमलनाथ और उनकी सरकार के पूर्व मंत्री जवाब देने के लिए मैदान में उतर आए हैं.कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ऐसे सवाल कोई अस्थिर मति का व्यक्ति ही कर सकता है.

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कमलनाथ ने सीएम शिवराज को बताया अस्थिर मति का व्यक्ति

भोपाल।शिवराज ने कमलनाथ से सवाल क्या पूछा, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के साथ ही कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री भी जवाब देने पर उतर आए. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा की ऐसे सवाल कोई अस्थिर मति का व्यक्ति ही कर सकता है. वह बोले, मुख्यमंत्री का काम सवाल पूछना नहीं, जनहित की योजनाओं पर अमल करना है. कमलनाथ ने ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि आप कुछ महीने के लिए सवाल बचाकर रखिए. प्रदेश की जनता आपको कुर्सी से हटाकर सवाल पूछने का खूब समय देने वाली है. कमलनाथ सरकार में पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने शिवराज से पूछा कि वह बताएं कि गेहूं पर 160 प्रति क्विंटल बोनस क्यों बंद कर दिया गया है.

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शिवराज बताएं 160 रु. प्रति क्विंटल बोनस क्यों बंद कियाः मप्र शासन के पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि फसलों के दाम मांगने पर किसानों के सीने में गोलियां दागने वाली भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जब भी झूठ बोलते हैं तो अपनी आवाज भारी रखते हैं और अगले झूठ की फिर तैयारी करते हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार में आते ही सीजन 2018-19 में रबी सीजन के लिए गेहूं पर समर्थन मूल्य के ऊपर 160 रुपए बोनस की घोषणा की थी. 11 लाख 75 हजार किसानों से 73.70 लाख मिट्रिक टन गेहूं कमलनाथ सरकार ने खरीदा था और केंद्र के विरोध के बावजूद किसानों को 160 रु. का बोनस दिया था. शिवराज जी बतायें कि गेहूं पर 160 रु. प्रति क्विंटल बोनस बंद क्यों कर दिया?

मोदी और प्रदेश सरकार को नहीं रास आया किसानों का हितः यादव ने कहा कि किसानों का इतना बड़ा हित प्रदेश के भाजपा नेतृत्व और केंद्र की मोदी सरकार को रास नहीं आया. मोदी सरकार ने कमलनाथ सरकार के बोनस दिये जाने के निर्णय को गलत बताते हुये राज्य ने जो 73.70 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदी की थी, उसमें से सिर्फ लगभग 65 लाख मिट्रिक टन का ही पैसा दिया और लगभग 8 लाख मिट्रिक टन से अधिक गेहूं स्वीकार करने से भी इंकार कर दिया. समर्थन मूल्य पर खरीदे गये इस गेहूं का 1500 करोड़ रुपये कमलनाथ सरकार ने स्वयं ने वहन किया. मोदी सरकार ने कमलनाथ सरकार को यह भी हिदायत दी कि अब किसी भी फसल पर समर्थन मूल्य घोषित किया तो केंद्र सरकार किसी भी फसल को समर्थन मूल्य पर अतिरिक्त नहीं खरीदेगी.

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