मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जैन मुनि का अनोखा रिकार्ड, 1415 दिन रहे उपवास , जानें कितने सालों तक की तपस्या - जैन मुनि ने उपवास रखने का रिकॉर्ड बनाया

भोपाल के एक जैन मुनि ने उपवास रहने का रिकॉर्ड बनाया है जो अब गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया है. जानें कैसे 47 के जैन मुनि ने सबसे अधिक दिन तक व्रत रहने का रिकॉर्ड बनाया.

bhopal Jain monk made record of keeping fast
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम हुआ दर्ज

By

Published : Feb 15, 2023, 6:55 PM IST

भोपाल। व्रत आप भी रखते होंगे हफ्ते में 1, 2 या 3 भी लेकिन भोपाल के एक जैन मुनि ने व्रत उपवास को जीवन का इस तरह से हिस्सा बनाया कि अनजाने में ये रिकार्ड ही बन गया. मूल रुप से भोपाल के रहने वाले 47 साल के जैन मुनि अनुत्तर सागर महाराज ने 11 वर्ष में 1415 दिन बिना अन्न जल ग्रहण किये मौन रहकर जो कठोर तपस्या की वो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुई. दुनिया में सर्वाधिक जैन धर्म के व्रत रखने वाले व्यक्ति के तौर पर दर्ज हुए मुनि अनुत्तर सागर महाराज. हांलाकि उनका ये कठिन उपवास इंटिमिडेट फास्टिंग थी. यानि जिसमें दिनों के बढ़ते क्रम में एक दिन एकाहार के बाद फिर अगले 2, 3 या 4 दिन का निराहार और निर्जला उपवास रखा जाता है.

भोपाल के जैन मुनि ने उपवास रहने का बनाया रिकॉर्ड

पहले 183 में से 153 दिन उपवास:भोपाल में 6 अगस्त 1977 को जन्में अनुत्तर सागर महाराज का छोटी उम्र में ही वैराग्य हो गया था. 1996 में वे सन्यास के मार्ग पर आए और 2011 में जैन मुनि बन गए. उनके छोटे भाई जो खुद विधान प्रतिष्ठाचार्य हैं ब्रम्हाचारी अविनाश भैय्या कहते हैं हमारे घर परिवार में ये माहौल ही था लेकिन मुनि जी को शुरुआत से ही उपवास व्रत कठिन तपस्या का रुझान दिखने लगा था. शुरुआत में ही उन्होनें सम्मेद शिखर पर 183 दिनों में से 153 दिन अन्न जल ग्रहण ना करते हुए मौन साधना की थी. बचपन से ही 48 और 72 घंटे के कठिन व्रत रखते थे. फिर जैन शास्त्रों में जो उपवास हैं वो जैन मुनि बनते ही शुरु कर दिए. विशुद्धसागर महाराज से उन्होने जैन शास्त्रों का अध्ययन किया.

Jaya Kishori Wedding Tips: जया किशोरी का शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को ऐसे सीक्रेट्स चेक करने की सलाह, नहीं तो...

गोल्डन बुक में दर्ज हुआ नाम:जैन मुनि ने जो कठिन व्रत किए ये 8 नवंबर 2011 से 19 दिसंबर 2022 के बीच की समयावधि के हैं. इस समयावधि में जैन धर्म में निश्चित किए गए सभी उपवास रखे जिनकी संख्या अलग-अलग है. मसलन तप शुध्दि के लिए 78 व्रत किए जाते हैं. दुख हरण के लिए 68 व्रत. सुख कारण के लिए 68 व्रत और सबसे कम बारह बिजोरा के 24 व्रत. अलग-अलग ढंग के कई कई दिनों के ये 30 व्रत मिलकर संख्या 1415 तक पहुंचती है. आमतौर पर जैन मुनि अपनी पूरी साधना में जो व्रत करते हैं. वो इस छोटी उम्र में अनुत्तर महाराज ने कर डाले हैं. इस रिकार्ड के साक्षी रहे अजीत शास्त्री जी कहते हैं ये किसी रिकार्ड के लिए मुनि महाराज ने नहीं किया वे तो अपनी तपस्या कर रहे थे. ये तो बाकी लोगों का भाव आया. तो दोनों ही तरीके से एक तो जितनी कठिन तपस्या उपवास हो रहे थे उसका रिकार्ड रखते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड को दिया गया और फिर उनकी टीम ने भी आकर देखा.

Ujjain Hookah: हुक्के के दम से 'दमा' का इलाज, इन फायदों को जानकर आप भी दिनचर्या में करेंगे शामिल

1 हजार दिन का मौन, अब 1008 व्रत:कोरोना के 3 वर्षों के दौरान भी मुनि महाराज ने 1 हजार दिनों का मौन व्रत धारण कर लिया था. ब्रम्हाचारी अविनाश भैय्या कहते हैं इस समय भी 1008 सहस्त्रनाम का उपवास चालू है इसमें 150 व्रत हो चुके हैं. वे बताते हैं ये उपवास इंटिमिटेड फास्टिंग की तरह होते हैं. यानि दो दिन में एक बार अन्न जल फिर 2 दिन का त्याग. फिर अन्न जल ग्रहण और 3 दिन अन्न जल ग्रहण का त्याग. इसी तरह से दिनों की संख्या बढ़ती जाती है. यूं भी जैन मुनि पूरे दिन में एक बार ही आहार जल लेते हैं.

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details