भोपाल।एमपीपर्यटन निगम द्वारा वर्ष 2008 में राजधानी भोपाल के भदभदा रोड पर इंस्टीट्यूट ऑफ हास्पिटिलिटी, ट्रेवल एंड टूरिज्म स्टडीज की शुरूआत की गई. वर्ष 2018 तक यहां होटल हॉस्पिटिलिट की ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन इसी साल यहां बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) कोर्स की शुरूआत की गई. इसमें बीबीए टूरिज्म, बीबीए हॉस्पिटिलिटी और बीबीए होटल मैनेजमेंट शामिल किया गया. पहले दो साल तक यहां ठीक प्रवेश हुए, लेकिन वर्ष 2021-22 में प्रवेश लेने वाले छात्रों ने बीच सत्र में ही इंस्टीट्यूट छोड़ दिया.
आरोपों की सच्चाई:बीते साल करीब 38 बच्चों ने प्रवेश लिया था. वर्ष 2022-23 सत्र में एक भी प्रवेश नहीं हुआ. इसके चलते इंस्टीट्यूट की संचालिका ने जीरो ईयर घोषित कर दिया है. छात्रों का आरोप है कि यहां पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं होती थी और प्लेसमेंट भी नहीं था. आरोपों की सच्चाई जानने के लिए जब ईटीवी भारत टीम मौके पर पहुंची तो पहली बात सच निकली कि यहां इस साल एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया.
नहीं दिया गया सिलेबस:मामले में इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर निलिमा वर्मा से बात की तो उन्होंने ने भी माना कि इस साल जीरो ईयर घोषित करना पड़ा. उन्होंने इसका कारण बताया कि सभी बीच सत्र में इंस्टीट्यूट में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करने के कारण ऐसा हुआ. इस इंस्टीट्यूट में संचालित होने वाले कोर्स की संबद्धता बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से मिली है. डायरेक्टर का कहना है कि सत्र 2021-22 में उन्हें यूनिवर्सिटी की तरफ से कहा गया कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी के हिसाब से क्लासेस संचालित करें, लेकिन इस हिसाब से हमें सिलेबस नहीं दिया गया. यह आदेश भी बीच सत्र में दिया गया.
किस साल कितने एडमिशन:एमपीटी द्वारा वर्ष 2008 से वोकेशनल कोर्स चलाए जा रहे हैं, लेकिन वर्ष 2012 में भदभदा रोड पर 1.28 करोड़ रुपए की लागत से एक आलीशन इंस्टीट्यूट का निर्माण किया गया. इसी इंस्टीट्यूट में वर्ष 2018 से यूजी (अंडर ग्रेजुएट) कोर्स शुरू किए गए. इसमें बीबीए के अंतर्गत टूरिज्म, हॉस्पिटिलिटी और होटल मैनेजमेंट शुरू किया. पहले साल यानी वर्ष 2018-19 में 60 सीटों के विरुद्ध कुल 9 स्टूडेंट ने एडमिशन लिया. वर्ष 2019-20 में 120 सीटों में से 53 पर, वर्ष 2020-21 में 160 में से 45 पर, 2021-22 में 120 में से 36 पर स्टूडेंट ने प्रवेश लिया था. इसमें से बीते साल प्रवेश लेने वाले छात्रों को सिलेबस नहीं मिलने से इंस्टीट्यूट छोड़कर जाना पड़ा, जबकि 2022-23 में जीरो ईयर हाे गया.