भोपाल।इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के मौके पर राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, देशभर से आए वैज्ञानिक, शोधार्थी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. आम जनता के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और विज्ञान को उत्सव के रूप में मनाना चार दिवसीय आयोजन का उद्देश्य है. कार्यक्रम में इसरो के चेयरमैन एस के सोमनाथ, भारत बायोटेक के सीएमडी कृष्णा एल्ला समेत कई वैज्ञानिक शामिल हो रहे हैं.
कोरोना काल में वैज्ञानिकों ने 2-2 वैक्सीन तैयार की:मुख्यमंत्री चौहान ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के युवाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया जाना चाहिए. राज्य के सभी साइंस कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई आदि को महोत्सव में होने वाली विभिन्न गतिविधियों से वर्चुअली जोड़ा जाए. वैज्ञानिक सोच का प्रकटीकरण प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुआ है, प्रधानमंत्री मोदी जी की लीडरशिप में कोविड महामारी के दौर में हमने देखा है कि देश के वैज्ञानिकों ने एक नहीं दो-दो वैक्सीन तैयार करके दे दी हैं. यह हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता है कि भारत ने 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन देने का चमत्कार किया है, एक जमाना था जब हमारे उपग्रह दूसरों देशों से लॉन्च होते थे लेकिन अब हम अपने उपग्रह के साथ दूसरे देशों के उपग्रह भी लॉन्च कर रहे हैं.
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प्राचीन वैज्ञानिक योगदान और दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया जाए:मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि''भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उपयोग प्रदेश के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में किया जाना चाहिए. यह आयोजन वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने और युवाओं को विज्ञान में नए रुझानों की ओर आकर्षित करने में मदद करेगा. प्रयास यह होना चाहिए कि इस आयोजन से विद्यार्थियों को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिले. महोत्सव में भारत के प्राचीन वैज्ञानिक योगदान और दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए''.
विज्ञान में जिज्ञासा आवश्यक:CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''ज्ञान के लिए जिज्ञासा आवश्यक है, विज्ञान में जिज्ञासा आवश्यक है. रवींद्रनाथ टैगोर जी ने कहा था कि सभी ज्ञान और योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं, हमारे बच्चे विज्ञान एवं विभिन्न क्षेत्रों में चमत्कार कर रहे हैं. जिज्ञासा के साथ जिद होनी चाहिये, यदि जिद नहीं होगी, तो आप केवल विचार करते रह जायेंगे, परिणाम के लिए जिज्ञासा के साथ जिद भी जरूरी है, भारत की सोच वैज्ञानिक है. इनोवेशन, नवाचार और वैज्ञानिक सोच भारत की जड़ों, माटी तथा संस्कृति में है. हजारों साल पहले से भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे है''.
मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं: वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ''हमारे देश में प्रतिभा की कभी कमी नहीं रही है, लोगों में क्षमता और जज्बा भी कम नहीं था. आंखों में सितारे भी कम नहीं थे. लेकिन शायद तब उस प्रकार अनुकूलता का वातावरण नहीं था. परंतु अब वातावरण बदला है. मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं हैं, मध्यप्रदेश में बांस बहुतायत में पाया जाता है और वेस्ट टू वेल्थ सेक्टर में भी मध्यप्रदेश बहुत योगदान कर सकता है''.