देश में भोपाल सबसे स्वच्छ राजधानी, शहरों की सूची में पाया 5वां स्थान, इसलिए है खास - स्वच्छता सर्वेक्षण 2023
Cleanliness Survey 2023: एमपी के लिए डबल खुशी का मौका है. स्वच्छता की श्रेणी में राजधानी के मामले में नबंर-1 भोपाल ने स्थान पाया. जबकि शहरों के मामले में एक बार फिर इंदौर ने बाजी मारी. जबकि भोपाल ने पांचवा नंबर पाया.
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहर श्रेणी में नंबर 1 पर आने से एक बार फिर पीछे रह गया. देश का सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड एक बार फिर प्रदेश के इंदौर को मिला. वहीं 5 स्टार रेटिंग के साथ भोपाल देश का पांचवा सबसे साफ शहर रहा. देश के सबसे स्वच्छ राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश को दूसरा स्थान मिला. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से सबसे स्वच्छ शहर का अवार्ड मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्राप्त किया. 9500 अंकों के साथ शहरों की स्वच्छता का आंकलन किया गया.
भोपाल पिछले साल के मुकाबले बेहतर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में भोपाल पिछले साल से एक स्थान ऊपर 5वें स्थान पर रहा. स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को देश का 6वां सबसे साफ-सुधरा शहर का अवार्ड मिला था. भोपाल को गार्बेज फ्री सिटी में 5 स्टॉर रेटिंग मिली थी. वॉटर प्लस का अवार्ड भी मिला था. 2022 में भोपाल ने स्वच्छ शहर के मामले में 1 नंबर का सुधार किया था, 2021 में भोपाल 7 वें नंबर पर था.
स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरे नंबर पर रहा था, लेकिन भोपाल कभी इंदौर को पीछे नहीं छोड़ पाया. 2018 के बाद भोपाल की स्वच्छता रैंकिंग में भारी गिरावट आई थी. 2019 में भोपाल दूसरे नंबर से खिसककर 19 वें स्थान पर पहुंच गया था. 2020 में भोपाल ने सुधार किया और स्वच्छता सर्वेक्षण में 12 पायदान पर पहुंच गया था.
स्वच्छता कर्मियों का किया गया सम्मान
उधर भोपाल का एक बार फिर सबसे स्वच्छ राजधानी का खिलाफ मिलने और देश में स्वच्छ शहर के मामले में 5वां स्थान हासिल करने के लिए भोपाल नगर निगम के सफाई कर्मियों का सम्मान किया गया. भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने सफाई कर्मियों को मिठाई खिलाई और दिन रात शहर को साफ स्वच्छ बनाए रखने में योगदान देने के लिए उनका हाथ जोड़कर धन्यवाद किया. दरअसल राजधानी भोपाल में हर रोज करीबन 800 टन कचरा निकलता है. नगर निगम ने घरों से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग कलेक्ट करने और उसके निष्पादन में खूब प्रयास किए हैं. नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी कहते हैं कि सूखे और गीले कचरे के अलावा मेडिकल वेस्ट को भी अलग-अलग किया जा रहा है. इस कचरे से खाद, ईंट आदि बनाया जा रहा है. इस दिशा में अभी और काम करने की जरूरत है.
इसलिए आया सुधार
भोपाल नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक शहर में गीले, सूखे कचरे का अलग-अलग कनेक्शन और इन कचरे की बेहतर प्रोसेसिंग का काम भोपाल में हुआ है.
भोपाल में दिन और में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाए रखा. बड़े कार्यक्रमों के बाद भी घंटों में स्थान पूरी तरह से साफ हो गया. करीबन 8 हजार सफाईकर्मी शहर की सफाई में जुटे हुए हैं.
स्वच्छता के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया गया.
शहर के पार्कों की स्थिति में पहले से सुधार आया. पार्कों में लगातार काम किया गया.
शहर की सार्वजनिक दीवारों पर रंग-रोगन कर उन्हें आकर्षक बनाया गया.
पॉलीथिन के उपयोग पर पाबंदी की कोशिश लगातार जारी रही, हालांकि लोगों में अभी भी इसको लेकर जागरूकता की कमी. पॉलीथिन का उपयोग अभी भी जारी है.