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भोपाल गैस कांड में केंद्र व राज्य सरकार के इन 9 बड़े अफसरों पर चलेगा अवमानना का मुकदमा - 9 अफसरों पर चलेगा केस

Bhopal gas tragedy case : भोपाल गैस त्रासदी के मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार के 9 उच्च अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का केस चलाने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी.

Bhopal gas tragedy case
भोपाल गैस कांड ..इन 9 बड़े अफसरों चलेगा अवमानना का मुकदमा

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 16, 2024, 1:34 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस शील नागू और देवनारायण मिश्र की खंडपीठ ने भोपाल गैस पीड़ितों का सही इलाज एवं शोध व्यवस्था प्रदान नहीं करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की लगातार अवमानना करने पर 9 अफसरों के विरुद्ध अवमानना का केस चलाने का आदेश दिया है. ये अधिकारी केंद्र व राज्य सरकार के हैं. बता दें कि जबलपुर हाई कोर्ट में भोपाल गैस कांड की लगातार सुनवाई चल रही है.

इन अफसरों पर चलेगा मुकदमा :जबलपुर हाई कोर्ट ने अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत इन अफसरों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है.

  • राजेश भूषण, सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय, भारत सरकार
  • आरती आहूजा, सचिव, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय,भारत सरकार
  • डॉ. प्रभा देसिकान, डायरेक्टर, भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर
  • डॉ. आर.आर. तिवारी, संचालक, नेशनल इंस्टीट्यट फॉर रिसर्च ऑन एनवायर्नमेंटल हेल्थ, ICMR
  • इकबाल सिंह बैंस, पूर्व मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश
  • मोहमद सुलेमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य, मध्य प्रदेश
  • अमर कुमार सिन्हा, राज्य सूचना अधिकारी, NIC
  • विनोद कुमार विश्वकर्मा, NICSI
  • आर. रामा कृष्णन, सीनियर डिप्टी संचालक, ICMR

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हाई कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी :हाई कोर्ट ने इन सभी अधिकारियों पर लगाए गए चार्ज में लिखा है "सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के जुलाई 2023 की रिपोर्ट निगरानी समिति की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि 10 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आप सभी प्रतिवादियों ने सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ इस न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में कोई तत्परता या ईमानदारी नहीं दिखाई है. गैस पीड़ितों को अधर में छोड़ दिया जा रहा है. आप सभी प्रतिवादियों ने इन आदेश के अनुपालन की प्रक्रिया इतनी ढिलाई की है कि आप सभी ने (पीआईएल) की अवधारणा को मजाक बना दिया है.

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