भोपाल। एमपी चुनावी महासमर के बीच अफसरों पर राजनीति का रंग शबाब पर है. शहडोल कमिश्नर रहे पूर्व आईएएस राजीव शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा है कि ''वे चुनाव लड़ेंगे.'' अब तक राजीव शर्मा को लेकर अटकलें भी थी कि वो भिंड विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ''भिंड जिले की जनता का चुनाव लड़ने के लिए उन पर बहुत दबाव है.'' शर्मा ने कहा ''तीन दिन के भीतर ये स्पष्ट हो जाएगा कि मैं किस राजनीतिक दल के साथ जा रहा हूं. अभी मंथन के दौर में हूं.''
जन्मभूमि का ऋण उतारना चाहता हूं:एमपी में 2023 के विधानसभा चुनाव में इस बार अफसर भी अपनी काबिलियत के साथ मैदान में उतरने को बेताब हैं. डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे तो चुनाव लड़ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए पदयात्रा कर चुकी हैं. दूसरी तरफ शहडोल कमिशनर रहे राजीव शर्मा का अचानक इस्तीफा भी इसी निगाह से देखा जा रहा है कि उन्होंने चुनाव के बीच में चुनाव लड़ने के लिए ही वीआरएस लिया है. हांलाकि ये पूछने पर पहले वे कहते हैं कि ''जो लोग अंदाज लगा रहे हैं कि उनके अदाज में कितनी सच्चाई है, फिलहाल तो मैं ये मान रहा हूं कि भारत के स्वतंत्र नागरिक के तौर पर, एक व्यक्ति के तौर पर, एक कवि के तौर पर ये मुक्ति का उत्सव है.'' हांलाकि फिर सीधे ये पूछने पर कि क्या आप चुनाव लड़ेंगे, राजीव शर्मा कहते हैं ''मैं सीधे तौर पर बताऊं तो मैं अपनी जन्मभूमि का ऋण उतारना चाहता हूं. इसके लिए ढेर सारे उपाय करने होंगे, चंबल भिंड़ की बेहतरी के लिए चुनाव लड़ना उसमें से एक उपाय भर है.''
फैसला उतना अचानक नहीं जितना दिखाई दे रहा है:चुनाव के दौरान इस्तीफा क्यों? इस सवाल पर राजीव शर्मा कहते हैं कि ''फैसला उतना अचानक नहीं जितना दिखाई दे रहा है. मैं हमेशा से ये चाहता था कि शासकीय सेवा के माध्यम से तो मैंने हमेशा अच्छा काम किया. सरकार ने भी मुझे हमेशा मौका दिया. लेकिन अब सीधे समाज के बीच में जाकर काम करूं. समाज की बेहतरी के लिए स्वतंत्र व्यक्ति के तौर पर काम करना मैं वर्षों से चाह रहा था. ये वीआरएस पहले भी ले लेता लेकिन तब करोना आ गया तो निर्णय स्थगित किया.''