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चुनावी साल में किसानों को तोहफा! खरीफ फसल के लिए खाद की नहीं होगी परेशानी, न देना होगा अतिरिक्त ब्याज - मध्य प्रदेश में खाद की समस्या

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. खरीफ की फसल के लिए किसानों को खाद की परेशानी नहीं होगी. सरकार ने इस साल भी यह सुविधा दी है कि सोसायटी से किसान खाद उठाते हैं तो उन्हें कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा.

Gift to farmers in election year MP
चुनावी साल में किसानों को तोहफा

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Published : Jun 7, 2023, 9:05 AM IST

भोपाल। देश के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार और राज्य की सरकारें पीएम किसान सम्मान, किसान फसल बीमा जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं. इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. अब किसानों को खाद के लिए अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा. खरीफ फसल की बोनी के लिए सरकार ने पिछले साल की तुलना में इस साल 3 गुना खाद का एडवांस कर लिया है. पिछले 5 सालों में 5 जून से पहले तक सरकार चार लाख मैट्रिक टन खाद का भंडारण कर रही थी. लेकिन इस साल 11 लाख मैट्रिक टन खाद का भंडारण किया है. चुनावी साल में सरकार किसानों का गुस्सा मोल नहीं लेना चाहती.

किसानों से नही लिया जा रहा अतिरिक्त ब्याज:सरकार ने किसानों को हर साल की तरह इस साल भी यही सुविधा दी है कि सोसायटी से किसान खाद उठाते हैं तो उन्हें कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा. इसके पीछे की वजह यह है कि यदि किसान खाद उठा लेते हैं तो सहकारी समितियों के गोदाम खाली हो जाएंगे और ये समितियां एडवांस में खाद भंडारण कर सकेगी.

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4 लाख मैट्रिक टन खाद खरीदती थी सरकार: खरीफ फसल की बोनी के लिए सरकारी अनुमान के मुताबिक, 16-17 लाख मैट्रिक टन खाद की जरूरत होती है. एमपी में खरीफ की बोवनी का रकबा 125 लाख हेक्टेयर है. अभी तक सरकार मात्र चार लाख मैट्रिक टन खाद खरीदती थी. लेकिन इस साल 17 लाख मैट्रिक टन केंद्र सरकार के जरिए खाद कंपनियों से खरीद के लिए अप्रैल में ही ऑर्डर दे दिया था.

खाद भंडारण
खाद अग्रिम भंडारण - लक्ष्य
यूरिया- 6.40 8.25
डीएपी- 3.80 6.2
एनपीके- 0.50 1.75
पोटाश- 0.17 0.55
मात्रा- लाख मैट्रिक टन

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