Digvijay On EVM: दिग्विजय सिंह ने EVM पर फिर उठाए गंभीर सवाल, कहा-दाल में कुछ काला जरूर... आयोग से मांगे 6 जवाब - Digvijay Singh gave suggestions
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने EVM को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं. दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा है कि ''भाजपा सिर्फ EVM की वजह से ही जीतती है.''
भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एक वकील भानु प्रसाद का वीडियो टैग करते हुए कहां है कि ''ईवीएम ही PM मोदी की शक्ति है.'' दिग्विजय सिंह ने ट्वीट में लिखा है कि ''बैलट यूनिट जिसमें हम बटन दबा कर अपना मत देते हैं उसमें चिप नहीं होता. कंट्रोल यूनिट जो की वोट काउंट करता है उसमें चिप होता है. वही किस को कितना वोट मिला कितने VVPAT स्लिप छापने हैं तय करता है.'' दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ''चुनाव आयोग EVM को लेकर इंडिया एलाइंस और समाजसेवियों से मिलने को ही तैयार नहीं है.'' दिग्विजय सिंह ने आयोग से इस मामले को लेकर आधा दर्जन मांग की है.
ट्वीट कर यह उठाए सवाल:दिग्विजय सिंह ने EVM लेकर एक के बाद एक आधा दर्जन ट्वीट कर कई सवाल खड़े किए हैं. दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि ''EVM ही मोदी की शक्ति है. जब हम यह कहते हैं तो जवाब मिलता है राज्यों के चुनाव में भाजपा कैसे हार जाती है? इसका जवाब है. कोई भी मशीन जिसमें चिप डाला हो वह हैक की जा सकती है. वह चिप में डाला हुआ सॉफ्टवेर मानती है. जब रुस व बांग्लादेश के रिज़र्व बैंक से अनजान लोगों ने अरबों डॉलर चुरा लिए और आज तक नहीं पकड़े गये. तो फिर EVM से वोट चुराना कौनसी बड़ी बात है, कैसे चुराते हैं मैं बताता हूँ."
543 में से 250 क्षेत्र चुनती है भाजपा: दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ''भाजपा, लोक सभा के 543 क्षेत्रों में से लगभग 250 क्षेत्र चुनती है जहां भाजपा को जीतने की उम्मीद है. उनका पहला कदम-उन क्षेत्रों में प्रत्येक मतदान केंद्र को तीन केटेगरी में बांटते हैं, जहां से लगातार भाजपा जीतती है. जहां बराबर की स्थिति रहती है, जहां वे लगातार हार रहे हैं. दूसरा कदम- मतदाता सूची से B व C केटेगरी से नाम कटवाओ. A केटेगरी से फ़र्ज़ी नाम जुड़वाओ. इस पूरे अभियान में वे अन्य राजनीतिक दलों से बहुत आगे हैं. क्योंकि उनके हर मतदान केंद्र पर BLA तैनात हो जाते हैं जो कि जनवरी के माह में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय उनके ही BLA शासन के BLO के साथ घर-घर जा कर मतदाता सूची में हेरा फेरी करते हैं.''
चयनित लोग करते हैं सॉफ्टवेर लोड का काम: दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''दूसरे राजनीतिक दल इस पूरे अभियान में इतने सक्रिय नहीं रहते. इस पूरे अभियान में उन्हें 3-5% लीड मिल जाती है. अब EVM का खेल शुरू होता है. उम्मीदवार तय हो जाने के बाद उनके नाम और सिंबल लोड करने के लिए लैपटॉप द्वारा VVPAT यूनिट में लोड किए जाते हैं. जिसमें सॉफ़्टवेयर लोड किया जाता है. सॉफ्टवेर क्या है? यह कुछ लोगों को ही पता रहता है. वे लोग कौन है? केवल कुछ लोग ही जानते हैं. सॉफ्टवेर लोड करने का कार्य ECI के इंजीनियर्स या उनके द्वारा चयनित लोग ही करते हैं. यह केवल उम्मीदवारों के नाम व सिंबल ही लोड करते हैं. इन्हें उसमें क्या सॉफ्टवेर है मालूम नहीं होता. बैलट यूनिट जिसमें हम बटन दबा कर अपना मत देते हैं उसमें चिप नहीं होता. कंट्रोल यूनिट जो की वोट काउंट करता है उसमें चिप होता है. वही किस को कितना वोट मिला कितने VVPAT स्लिप छापने हैं तय करता है. वोट डालने के बाद हमें 7 सेकंड के लिए स्क्रीन पर हमारे वोट की VVPAT स्लिप दिखती है और सील्ड डब्बे में गिर जाती है.''
मैंने किया काफी अध्ययन, निष्पक्ष चुनाव जरूरी:दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि ''मैंने इसका काफी अध्ययन किया है. देश के लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव ही हमारी शक्ति है और देश के हर नागरिक का यह हक है कि उसका दिया हुआ मत सही व्यक्ति को मिले और उसकी सही गणना हो. संविधान ने यह हमें हक़ दिया है और इसकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को ज़िम्मेदारी है. संविधान ने हमें लोकतंत्र दिया है और उसकी सुरक्षा का अधिकार न्याय पालिका को दिया गया है.
क्यों नहीं माने कोर्ट के निर्देश: दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''यदि न्याय पालिका केंद्रीय चुनाव आयोग के सदस्यों का चयन निष्पक्षता से करने के लिए यह निर्देश देता है कि चयन समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता व उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहें, तो पीएम मोदी और अमित शाह को क्या आपत्ति होना चाहिए? न्यायपालिका के निर्देशों को नहीं मान कर संसद में यह कानून लाने की क्या आवश्यकता थी कि उच्चतम न्यायालय मुख्य न्यायाधीश को ना रख कर प्रधान मंत्री द्वारा मनोनीत मंत्री हो? आप समझ सकते हैं कि वह मंत्री कौन होगा.''
दिग्विजय सिंह ने दिए कई सुझाव
दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि EVM से चुनाव ना कराना हमारा उद्देश्य नहीं है. हमारा उद्देश्य भारत में लोकतंत्र बचाना है भारतीय संविधान बचाना है. हूँ चाहते हैं हमारा मत हम जिसे चाहें उसे जाये और उसकी सही गिनती हो जाये, यह हमारा संवैधानिक अधिकार है.
हमारा सुझाव है कि VVPAT स्लिप सील्ड डब्बे में गिरने के बजाय मतदाता के हाथ में मिल जाये.
वो VVPAT स्लिप मतदाता बिना चिप वाले सील्ड बैलट बॉक्स में डाल दे. क्योंकि हमें किसी भी चिप वाली मशीन पर भरोसा नहीं है. वह उसमें डाला गया सॉफ्टवेर का निर्देश मानती है हमारा नहीं.
चुनाव पूरे हो जाने पर जो 17-C फॉर्म जिसमें कितने वोट गिरे की संख्या दी जाता है. उसी में 17-A रजिस्टर में कितने मतदाताओं ने हस्ताक्षर किए उसका अनिवार्य तौर पर उल्लेख करने के निर्देश दें.
मतगणना बैलट बॉक्स में VVPAT स्लिप और कंट्रोल यूनिट के नंबर एक समान होने पर नतीजा घोषित कर दें.
पोस्टल बैलट की गिनती सबसे पहले होना चाहिए जिसके निर्देश भी हैं लेकिन नहीं होती.