भोपाल में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन, सरकार को दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
भोपाल में कर्मचारियों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल के तुलसी उद्यान में धरना दिया. इस दौरान चतुर्थ श्रेणी पदों पर आउटसोर्स भर्ती का विरोध किया गया.
भोपाल में स्थायीकर्मियों का प्रांतियव्यापी आंदोलन
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Published : Apr 9, 2023, 10:17 PM IST
भोपाल में स्थायीकर्मियों का प्रांतियव्यापी आंदोलन
भोपाल।मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में प्रदेशभर के कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रांतीय आंदोलन कर रहे हैं. रविवार को भोपाल की सड़कों पर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने धरना दिया. इसके अलावा कर्मचारियों ने विरोध रैली भी निकाली. राजधानी के सेकंड स्टॉप के पास तुलसी नगर से राज्य सरकार के विरुद्ध आक्रोश रैली निकाली गई थी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए तुलसी उद्यान की परिक्रमा कर वापस धरना स्थल पहुंची.
भर्ती पर रोक लगाने की मांग:नियमितीकरण, वेतनमान सहित 10 सूत्रीय मांगों के साथ आउटसोर्स भर्ती का कर्मचारियों ने खुलकर विरोध किया. भोपाल में सड़कों पर निकले मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के बैनर तले दैनिक वेतन भोगी और अंशकालीन कर्मचारी इस प्रदर्शन में मौजूद रहे. चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर की जा रही आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगाने की मांग को लेकर इन्होंने धरना भी दिया.
उग्र प्रदर्शन की चेतावनी: कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश में 50 हजार के करीब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, जो स्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. ऐसे में कई कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद इनकी जगह पर नई नियुक्ति आउट सोर्स के माध्यम से की जा रही है. जिसको लेकर इनका विरोध जारी है. इसी कड़ी में इन्होंने आज धरना देकर रैली भी निकाली. उनका कहना था कि अगर सरकार अपने इस आदेश को वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी संगठन के आक्रोश का खामियाजा प्रदेश की भाजपा सरकार को इस बार विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा. इन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो सड़कों पर लगातार उग्र प्रदर्शन जारी रहेगा.
कमलनाथ ने किया था समर्थन:आपको बता दें कि सरकार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउट सोर्स से करने जा रही है. जिसको लेकर लगातार विरोध चल रहा है. शनिवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के समर्थन में अपनी बात रखी थी. प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आउट सोर्स से भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी. फिलहाल कांग्रेस इनके समर्थन में है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाना भी चाहती है.