भोपाल।गूगल पर ओरिजिनल वेबसाइट से मिलती-जुलती वेवसाइट भी आपको परेशानी में डाल सकती है, जिससे आप अपनी मेहनत से कमाया गया पैसा भी साइबर ठगों को दे बैठेंगे. ऐसा ही मामला राजधानी में सामने आया है, जहां साइबर ठगों की ओर से पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार में इलाज के नाम पर ठगी करके व्यक्ति से 2 लाख से ठगी कर ली. इस मामले पर साइबर क्राइम पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन आरोपियों को काफी दिनों से मॉनिरेटर कर रही थी, जिसके तरह पश्चिम बंगाल में दबिश देकर इन आरोपियों को पकड़ा है. इन पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है और अन्य साथियों का पता लगाने में जुटी हुई है.
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में करवाना था मां का इलाजः जानकारी के अनुसार पिपलानी थाना क्षेत्र में रहने वाले शिकायकर्ता संजय कुमार ने साइबर क्राइम पुलिस को एक शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि वह अपनी मां के इलाज के लिए पतंजलि योगपीठ हरिद्वार लेकर जाना था. जिसके लिए उन्होंने ऑनलाइन सर्च कर वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया और वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क किया तो उनसे बात करने वाले व्यक्ति ने उन्हें बताया कि इलाज और जांच के लिए कुछ पैसा एडवांस देना होगा. इसके बाद संजय कुमार ने उनके द्वारा दिए गए 3 बैंक खातों में अलग-अलग कर कर 2,27,422 रुपये की राशि जमा की गई. उसके बाद संजय उन्हें अपॉइंटमेंट के लिए फोन लगाते रहे तो वह और पैसों की मांग करते. इसके बाद संजय को उन लोगों के ऊपर शक हुआ. इसके बाद शिकायतकर्ता ने भोपाल साइबर क्राइम को इसकी शिकायत की. साइबर क्राइम पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर इस पूरे मामले में तकनीकी जांच करना शुरू करें.
पतंजलि पीठ के मोनो का इस्तेमाल कर करते हैं ठगीःसाइबर क्राइम पुलिस ने पाया कि इस पूरे मामले में आरोपी पतंजलि योगपीठ ट्रक से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाए हुए हैं और पतंजलि पीठ के मोनो का इस्तेमाल करते हैं. उसमें अपने मोबाइल नंबर दर्शाए गए हैं, जो लोग ऑनलाइन पंजीयन के बाद वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबरों पर जब लोगों उनसे संपर्क करते थे तो वो लोगों से इलाज और टेस्ट के लिए एडवांस पैसा जमा करवाते थे और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से वह पैसा वह लोग निकाल लेते थे. साइबर क्राइम की ओर से लगातार आरोपियों को ट्रेस किया जा रहा था, तो पता चला कि आरोपियों द्वारा पश्चिम बंगाल के कोलकाता से लगातार लोगों को कॉलिंग की जा रही थी. बैंक खातों से पटना, कोलकाता के एटीएम से पैसा निकाला जा रहा था. इसके बाद साइबर क्राइम की टीम पटना गई थी, लेकिन आरोपी बार-बार अपने लोकेशन बदल रहे थे और वह अपने उन मोबाइलों का उपयोग नहीं कर रहे थे जिनकी साइबर टीम मॉनिटर कर रही थी.