भोपाल। मामला रविवार का है, जहां दो दिन पुराना यह मामला मंगलवार की शाम को सामने आया. पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार घटना सूखी सेवनिया थाना क्षेत्र में आने वाले गांव चोपड़ा कला की है, इस मामले में फरियादी रामस्वरूप अहिरवार ने आरोप लगाया है कि मैं ग्राम पंचायत चोपड़ा कला का कोटवार (चौकीदार) हूं. मुझे 9 सितंबर की रात में पटवारी ने जमीन से जुड़ी एक सूचना दी थी, इस सूचना के आधार पर मैं 10 सितंबर की दोपहर 1 बजे गांव पहुंचा. यहां गांव के रहने वाले मस्तान मीना और उनके आदमी सरकारी जमीन पर फेंसिंग करके कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे. मैंने यह देखकर उन्हें रोकना चाहा और मना किया, तो उन्होंने बजाय काम रोकने के इसी गांव की सरपंच के पति शेरू मीना को बुला लिया. शेरु की पत्नी मोनिका मीना इस गांव की सरपंच हैं. शेरु के साथ अभिषेक मीना, तुषार मीना व लेखराज मीना भी आए थे, शेरु ने आते ही मेरे साथ गाली-गलौज शुरू कर दी."
पहले बनाया बंधक, फिर की मारपीट:पीड़ित ने बताया कि "गाली-गलौज होती देख जब मैंने उनको कहा कि मुझे कुछ बोलने की बजाय पटवारी साहब से बात कर लो, क्योंकि उन्होंने ही मुझे यहां भेजा है. यह सुनकर पटवारी से बात करने के बजाय उन चारों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी. उन लोगों ने मुझे जमकर मारा और तब तक मारा जब तक कि मैं बेहोश नहीं हो गया. जब मेरे साथ मारपीट की जा रही थी तो उस समय वहां फेंसिंग करने वाले मस्तान मीना और दीपक मैथिल व गांव का रहने वाला घनश्याम मीना भी मौजूद था. शेरु और उनके साथियों ने मुझे मारने के बाद मेरे हाथ रस्सी से बांध दिए और मुझे अपनी कार के भीतर पटक दिया. यह लोग मुझे कार में पटककर कहीं ले जाने लगे."
कोटवार पर पेशाब करने का आरोप:पीड़ित ने आगे बताया कि "कार खुद शेरु चला रहा था और पीछे उसके साथी अभिषेक और तुषार मुझे घेरकर बैठे थे, जबकि शेरु की बगल में आगे की तरफ से लेखराज बैठा था. यह लोग मुझे एक नाले के पास लेकर गए और जब मैं बेहोश होने लगा तो शेरु ने मेरे ऊपर पेशाब कर दी. इसके बाद भी उनका मन नहीं भरा और वे वहां से मुझे सज्जू मियां जबरिया की कार में पटकर शेरु के घर संजीव नगर ले गए. यहां भी उन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की, जब मुझे होश आया तो उनके घर में ही था. मुझे बमुश्किल कुछ लोग छुड़ाकर अस्पताल ले गए."