भोपाल। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर भोपाल के शासकीय, निजी चिकित्सालय के साथ ही मेडिकल कॉलेज के संचालकों और अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट लगाने में यदि कोई समस्या आ रही है या किसी अनुमति की आवश्यकता है, तो उसके लिए तुरंत संपर्क करें. जिससे उनकी कठिनाइयों को दूर किया जा सके.
कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित हुई बैठक
भोपाल कलेक्ट्रेट कार्यालय में सम्पन्न बैठक में बताया गया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए 9500 के लगभग बेड तैयार हैं, इसमें 2 हजार 500 आईसीयू बेड भी शामिल हैं. विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट को तैयार कर लिया गया है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए 16 मीट्रिक टन से अधिक के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एक सितम्बर तक पूरी तरह तैयार हों जाएंगे. सात हजार ऑक्सीजन युक्त और 2 हजार 500 आईसीयू बेड की व्यवस्था भी की जा रही है.
कलेक्टर ने तैयारियों की समीक्षा की
भोपाल कलेक्टर लवानिया ने जिले में तैयारियों की समीक्षा की है. भोपाल में ऑक्सीजन के 15 ऑक्सीजन प्लांट अलग-अलग अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं, जिनकी क्षमता 16 से 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन उपलब्ध रहेगी. इसके साथ ही 180 मीट्रिक ऑक्सीजन की स्टोरेज की क्षमता विकसित कर ली गई है. 100 मीट्रिक टन आईनॉक्स द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई हो सकती है.
तीसरी लहर को देखते हुए तेजी से हो रहा काम
बैठक में चिरायु, एलएनसीटी, पीपुल्स, जेके हमीदिया, आरकेडीएफ, कस्तूरबा, कमला नेहरू, जेपी, हमीदिया के साथ-साथ अन्य सभी बड़े चिकित्सालय के अधीक्षक और संचालक उपस्थित रहे. बैठक में अपर कलेक्टर संदीप केरकट्टा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि भोपाल में लगातार तीसरी लहर को देखते हुए काम तेजी से किया जा रहा है. बच्चों के इलाज के लिए भी वर्तमान में 200 आईसीयू ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए गए हैं. उसकी क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है.