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जिला स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कलेक्टर के निर्देश, मातृ-शिशु मृत्यु दर को किया जाए न्यूनतम

भोपाल में जिला स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं, जिले में मातृ और शिशु मृत्यु दर को न्यूमतम स्तर पर लाया जाए, जापानी बुखार से बचाव के लिए टीके लगाए जाएं, बैठक में उपस्थित ना होने वाले अधिकारियों पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई है.

Health Committee Review Meeting
स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक

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Published : Oct 9, 2020, 3:05 PM IST

भोपाल। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान प्रमुख रूप से भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया भी उपस्थित रहे. बैठक में कई प्रभारी अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिसे देखते हुए भोपाल कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए सख्त आदेश दिए हैं. अगली बैठक में हर हाल में सभी प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे. इसके अलावा सुल्तानिया और गांधी मेडिकल कॉलेज से शिशु जन्म का डाटा अपलोड नहीं होने पर भी उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है और तीन दिन में डाटा अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अनमोल एप पर बच्चों की लाइन लिस्टिंग की एंट्री भी नहीं हो रही है. जिसे तत्काल दुरुस्त किया जाए, इस सॉफ्टवेयर में एंट्री का कार्य 1 सप्ताह में पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सुल्तानिया और गांधी मेडिकल कॉलेज के द्वारा अस्पताल में जन्म लिए बच्चों का डाटा शेयर कर इसमें उसकी एंट्री हर हाल में की जाए. बैठक के दौरान अपर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत सीईओ विकास मिश्रा और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी, जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे.

बैठक के दौरान कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा, मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लागातर गर्भवती महिलाओं की निगरानी और स्वास्थ परीक्षण किया जाए. उन्हें समय-समय मेडिकल चेकअप और दवाई उपलब्ध कराई जाए. मातृ और शिशु मृत्यु में दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं.

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बैठक में जापानी इंसेफेलाइटिस की वैक्सिंग टीम के लिए प्रस्तावित विशेष अभियान की कार्य योजना पर चर्चा की गई. इस अभियान में मीजल्स रूबेला और कोविड-19 की तर्ज पर आयोजित किया जाए. इसके अंतर्गत 1 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाया जाना है और यह अभियान नवंबर माह में शुरू किया जा सकता है. असंचारी रोग कार्यक्रम के तहत कैंसर प्रकरण के चिह्नाकित और फॉलोअप के लिए हर सप्ताह टीम द्वारा स्वास्थ्य की समीक्षा की जाए.

बैठक में गांधी मेडिकल कॉलेज में संचालित चाइल्ड केयर यूनिट में मोटिलिटी के प्रकरण ज्यादा है, इसके लिए सुल्तानिया के एनबीएसयू को फंक्शन किया जाए. एचडीएचयू में बच्चों की स्टेबलाइज होने के बाद ही कमला नेहरू गांधी मेडिकल कॉलेज में भेजा जाए. परिवार कल्याण के प्रकरण में बढ़ोतरी की जाए. लोगों को परिवार नियोजन साधक अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए. कलेक्टर ने परिवार कल्याण के लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा करने के लिए विशेष कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि भोपाल जिले में डेंगू के प्रकरण इस मौसम में बढ़ते जा रहे हैं इस सर्वे का कार्य गंभीरता पूर्वक किया जाए. मलेरिया और डेंगू के सर्वे के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और घर-घर सर्वे को व्यापक स्तर पर चलाया जाए. भोपाल में वर्तमान 13 संजीवनी क्लीनिक संचालित हैं, जिसमे 10 संजीवनी क्लीनिक के लिए जगह चिह्नित की जाना है, इसके लिए बुधवार को सभी एसडीएम को जगह चिह्नित कर टीएल बैठक में आने के निर्देश जारी किए गए हैं. जहां जगह चिह्नित नहीं है, वहां नगर निगम, एसडीएम जगह चिह्नांकित कर अवगत करवाएं.

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