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खुशखबरी, स्कूलों ने अभिभावकों पर बनाया दबाव तो होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने दिए आदेश - भोपाल कलेक्टर आदेश

भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं. कोई भी शिक्षा संस्थान या स्कूल बच्चों या अभिभावकों पर विशेष दुकान या संस्थान से स्कूल सामग्री लेने का दबाव नहीं बना सकता है.

Bhopal Collector Ashish Singh
भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह

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Published : Apr 10, 2023, 5:31 PM IST

भोपाल। अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें किसी विशेष दुकान से बच्चों के लिए किताबों के साथ ही अन्य सामग्री खरीदने के लिए स्कूल के दबाव में नहीं आना पड़ेगा. भोपाल के नावगत कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी एसडीएम और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जिले में धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी है. जिसके अंतर्गत कोई भी शिक्षा संस्थान या विद्यालय अपने विद्यार्थियों को किसी विशेष संस्थान, दुकान से पुस्तक, किताब और स्टेशनरी का सामान खरीदने के लिए दबाव नहीं डालेंगे. ना ही ऐसी किसी प्रकार के निर्देश देंगे.

कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के आदेश: अगर किसी स्कूल,संस्थान के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई भी शिकायत मिलती है, तो उसके प्रति अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कहा है कि जिले में यह सुनिश्चित करें कि बच्चों और पालकों पर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाए. साथ ही यदि किसी भी संस्थान द्वारा इस प्रकार का कोई निर्देश या समान खरीदने के लिए बोला जाता है, तो उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.

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अभिभावकों ने फैसले का किया स्वागत: इधर अभिभावक संघ ने भी इस आदेश का स्वागत किया है. पालक संघ के सचिव प्रबोध पांडेया का कहना है कि ये बेहतर कदम है. इसके माध्यम से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा, क्योंकि जैसे ही स्कूल खुलते हैं, स्कूल संचालक निश्चित दुकान से किताबें खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं. साथ ही उन्हीं दुकानों से ड्रेस के साथ अन्य सामग्री खरीदने के लिए भी बोला जाता है. इस नियम का कड़ाई से पालन हो. इसके लिए भी टीमें बनाई जानी चाहिए, क्योंकि आदेश तो निकलते हैं, लेकिन स्कूल संचालकों के दबाव के चलते कार्रवाई नहीं होती. वहीं कई अभिभावकों का कहना है कि अप्रैल का महीना शुरु हो चुका है और कई स्कूल भी शुरू हो गए हैं. ऐसे में उन्होंने किताबें और अन्य सामग्री पहले ही ले ली है. ये आदेश थोड़ा पहले जारी होता तो बेहतर होता.

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