भोपाल। अब मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्ति से पहले सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. मंत्रियों के निजी स्टाफ में पदस्थ होने वाले कर्मचारियों और ओएसडी की नियुक्ति से पहले संभावित अधिकारी-कर्मचारियों की कुंडली खंगाली जा रही है.ऐसा इसलिए कि हाल ही में मंत्री प्रहलाद पटेल के निजी स्टाफ में एक दागी अधिकारी की नियुक्ति से सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी. इसके बाद मोहन सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि नियुक्ति के पहले गृह विभाग की रिपोर्ट जरूरी है.
ये बड़ा कदम क्यों
दरअसल 9 जनवरी 2024 को राज्य शासन द्वारा आदेश जारी कर मंत्री प्रहलाद पटेल के निजी स्टाफ में इंदौर में पदस्थ रहे उप आयुक्त, श्रम लक्ष्मी प्रसाद पाठक को ओएसडी बनाया गया. ओएसडी बनाए गए अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद पाठक को 10 नवंबर को ही भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया था. इस संबंध में विशेष पुलिस स्थापना के महानिदेशक ने 10 नवंबर 2023 को पत्र भेजकर शासन को सूचना दे दी थी. इसके बाद राज्य सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी.
बेदाग और नए चेहरों की तलाश
राज्य सरकार की किरकिरी के बाद मोहन सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए निर्देश दिए कि अब सरकार की सलाह पर मंत्रियों के स्टाफ में बेदाग और नए चेहरों को रखा जाएगा. साथ ही मंत्रियों के स्टाफ में कई सालों से जमे निज सचिव, निज सहायक औऱ ओएसडी को बदला जाएगा. राज्य सरकार ने ऐसे सभी अधिकारी-कर्मचारियों की सूची तैयार कर पुलिस विभाग को सौंपी है। पुलिस के रिकॉर्ड में साफ चेहरे वालों को ही मंत्रियों का ओएसडी बनाया जाएगा.