भोपाल।मध्यप्रदेश में एक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूलों का औचक निरीक्षण भी कर रहे हैं, तो स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों की 1 महीने की पढ़ाई खराब करवा दी और यह भी तब हुआ है जब 2 माह बाद 1 मार्च से बोर्ड परीक्षा शुरू हो जाएंगी. दरअसल स्कूली बच्चों में कल्चरल एक्टिविटीज विकसित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग "अनुगूंज" कार्यक्रम का आयोजन करता है. लेकिन इस कार्यक्रम के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ही बच्चों की पढ़ाई का नुकसान करवा दिया.
कार्यक्रम को लेकर 700 से अधिक बच्चों ने की प्रैक्टिस: रविवार 4 और 5 दिसंबर को मुख्य समारोह भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में होगा. जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री भी शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम के लिए भोपाल के सरकारी स्कूल के 700 से अधिक बच्चे 1 महीने से प्रैक्टिस कर रहे थे, यह प्रैक्टिस भोपाल के ही 10 नंबर के पास स्थित ओल्ड कैंपियन स्कूल में कराई गई. इस प्रैक्टिस के लिए बच्चों को सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक बुलाया जाता था, जिससे कि इनकी पढ़ाई नहीं हो पाई.
कार्यक्रम के चलते बच्चों की पढ़ाई का नुकसान: इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली एक छात्रा के पिता भुवन बताते हैं कि उनकी बेटी कक्षा दसवीं बोर्ड का एग्जाम दे रही है, उसने डांस में हिस्सा लिया है. लेकिन 1 महीने से लगातार उसे सुबह 11:00 से 4:00 बजे तक डांस के लिए बुलाया जाता था ओर प्रैक्टिस होती थी. ऐसे में सुबह उसे 9:00 बजे से इसकी तैयारी करनी पड़ती थी. जबकि शाम को आकर वह थक जाती है तो पढ़ाई नहीं कर पाती, जिससे उसका खासा नुकसान हुआ है और इस बार बोर्ड की परीक्षा भी है.
खराब रिजल्ट का जिम्मेदार कौन: वहीं एक अन्य छात्रा के पिता कृष्ण दास गुप्ता बताते हैं कि स्कूल से प्रैक्टिस सेंटर तक ले जाने के लिए मैजिक वेन के माध्यम से बच्चों को भेजा जा रहा था. अब उनके बच्चे की एक महीने की पढ़ाई खराब हो गई है. दिसंबर के इस महीने में अब बच्चों के प्री बोर्ड के एग्जाम भी होंगे, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का खासा नुकसान हुआ है. शिक्षा विभाग के अधिकारी सिर्फ खुद को बेहतर सिद्ध करने के लिए बच्चों की पढ़ाई का नुकसान कर रहे हैं. ऐसे में बच्चों का रिजल्ट खराब होगा तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.