भोपाल। विश्व शरीर रचना दिवस के अवसर पर एम्स भोपाल में चिकित्सा शिक्षा के नेक कार्य के लिए 72 शरीर दाताओं के परिवार के सदस्य सम्मानित किए गए. एनाटॉमी विभाग एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह के मार्गदर्शन में चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध के नेक काम के लिए अपने शरीर को निःस्वार्थ रूप से दान करने वालों के परिजनों को सम्मानित किया गया. सभी शरीरदाताओं के रिश्तेदारों को चिकित्सा शिक्षा और शोध के महान कार्य के लिए उनके परिजनों के योगदान के लिए विशेष धन्यवाद दिया गया.
देहदान करने वालों के परिजनों को किया सम्मानित पिताजी का सपना पूरा किया :कार्यक्रम में आए केके सोनी ने बताया कि वह इटारसी में रहते हैं. उनके पिता टीचर थे और 2019 में उन्होंने अपने शरीर का दान किया था. इसके पहले उनकी माताजी के भी शरीर का दान 2005 में वह कर चुके हैं. सोनी ने बताया कि इससे काफी सुकून मिलता है. पिताजी का सपना था कि परिवार का हर व्यक्ति देहदान में सहयोग करें. जिससे अन्य व्यक्ति को जीवन मिल सके. ऐसे में खुद सोनी ने भी अपने शरीर के दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
शरीरदान से सुकून मिलता है :वहीं, भोपाल के पास रहने वाले अरुण नाफ़ड़े बताते हैं कि उनके पिताजी की उम्र 94 वर्ष की थी और 2018 में उन्होंने अपने शरीर का दान किया था. उनकी अंतिम इच्छा को देखते हुए शरीर दान किया गया. इसको लेकर उनके परिवार के सभी लोगों ने बखूबी साथ दिया. मात्र 8 घंटे के अंदर ही शरीर का दान करना था. ऐसे में जब हम aiims पहुंचे तो यहां उनको सभी सुविधाएं मिल गईं और तत्काल ही काम हो गया, जबकि इसमें समय लगता है. ऐसे में उनको अब सुकून मिलता है.
MP Vidisha News मरणोपरांत एम्स भोपाल में किया देहदान, काफी साल पहले लिया था संकल्प
अब 114 लोग कर चुके हैं देहदान :इधर, एम्स के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह समेत तमाम मेडिकल स्टाफ इस कार्यक्रम में शामिल हुआ. साथ ही देहदान करने वालों के परिजन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उनका सम्मान किया गया. डॉक्टर बर्था एडी रथिनाम ने बताया कि अभी तक 114 लोग देहदान कर चुके हैं और 1150 लोगों ने दे दान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. (Bhopal AIIMS Honored) (Honored families donated body) (Donated body virtuous work)