ओला-उबर की तरह किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर-हार्वेस्टर, राज्य सरकार तैयार करवा रही मोबाइल एप - सरकार तैयार करवा रही मोबाइल एप
Tractor Harvester on Rent: किसानों को अब बहुत जल्द खेती के लिए ट्रैक्टर-हार्वेस्टर किराए पर मिलेंगे.राज्य सरकार इसके लिए एक ऑनलाइन प्लटेफॉर्म तैयार करवा रही है.
भोपाल।फसल की बुआई और कटाई के समय कई किसानों को ट्रैक्टर, हार्वेस्टर या अन्य कृषि उपकरण के लिए परेशान होना पड़ता है. ऐसे में कई किसानों को समय पर कृषि उपकरण न मिलने से या तो बुआई या कटाई में देरी होती है या फिर उन्हें इसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जल्द ही किसान ओला-उबर की तरह कृषि यंत्रों की ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ओला-उबर की तरह एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार कर रही है. इसमें मोबाइल एप के जरिए किसान निर्धारित राशि चुकाकर ट्रैक्टर, हार्वेस्टर जैसे कई कृषि यंत्र को ऑनलाइन बुक करा सकेंगे.
अब किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर-हार्वेस्टर
एप डेवलप करने सरकार ने जारी किया टेंडर
राज्य सरकार के निर्देश के बाद कृषि विभाग ने एप डेवलप करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. इसके तहत एंड्रायड/आईओएस और विंडो को सपोर्ट करने वाला मोबाइल एप डेवलप किया जाएगा, जो कृषि यंत्र मालिक और किसानों के बीच कड़ी का काम करेगा. इसके अलावा एक टोल फ्री कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा. इसमें कृषि यंत्र के साथ इसकी कैपिसिटी, लोकेशन, उपलब्धता और रेंटल रेट्स भी पता चलेगा. मोबाइल एप पर किसान घंटे के हिसाब कृषि यंत्र की बुकिंग करा सकेंगे.
एप से जुड़ेंगे कस्टम हायरिंग सेंटर्स
प्रदेश में तकरीबन 1 करोड़ किसान हैं, इसमें 1 हेक्टेयर तक सीमांत किसान 33 लाख 91 हजार हैं यानि करीब 33 फीसदी हैं. वहीं 1 से 2 हेक्टेयर के तक के लघु किसान प्रदेश में 55 फीसदी हैं. इनमें से अधिकांश किसानों के पास स्वयं का संसाधन न होने से यह किराए पर ट्रैक्टर या कृषि यंत्र लेकर खेती करते हैं. इसके लिए युवा किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में 3 हजार 467 कस्टम हायरिंग सेंटर्स खोले गए हैं. जहां से किराए पर कृषि यंत्रों को ले सकते हैं, लेकिन अभी भी किसान इनका पर्याप्त लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. अब राज्य सरकार इन सभी कस्टम हायरिंग सेंटर्स को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाने जा रही है. इन सभी को मोबाइल एप से जोड़ा जाएगा.
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कस्टम हायरिंग सेंटर ऑनलाइन प्लेटफार्म से जुड़ने के बाद इसकी मॉनिटरिंग भी आसान होगी. कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय के संचालक राजीव चौधरी के मुताबिक संचालनालय द्वारा प्रदेश भर में कस्टम हायरिंग सेंटर संचालित किया जा रहे हैं. ऑनलाइन माड्यूल तैयार होने से इसमें और फायदा होगा.