भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस समारोह हर साल काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता था. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण स्थापना समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मनाया गया है. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 50 वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुई.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर जे राव ने स्वागत उद्बोधन दिया और विश्वविद्यालय की विकास यात्रा एवं भविष्य की चुनौतियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि बरकतउल्ला पहला विश्वविद्यालय है जिसने गुणवत्ता सुधार के लिए गुणवत्ता प्रबंधन की समग्र प्रक्रिया अपनाई है. नये पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं, रूसा, यूजीसी से अनुदान भी प्राप्त किया है. इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोर्टस कॉम्पलेक्स बनाने के प्रयास किए जा रहें हैं.
राज्यपाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी एवं उद्देश्यपूर्ण परिवर्तन आएगा. इससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार होगा, साथ ही स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों को ई-शिक्षा की जरूरतों के लिए डिजिटल कन्टेन्ट और क्षमता निर्माण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के वैकल्पिक साधनों को सुनिश्चित करेगा. समस्त उच्च शिक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण व्यापक निकाय के रूप में 'भारत उच्च शिक्षा आयोग' के गठन से निर्णय लेने में तेजी आएगी, और पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि संस्कार देने का कार्य ही शिक्षा है. नई शिक्षा नीति को अनेकता में एकता जैसे भारतीय संस्कृति के आदर्शो को शामिल करते हुए लागू किया जाए. उच्च-शिक्षा क्षेत्र के विद्वान माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा का भी मार्ग दर्शन करें. साथ ही 'ई लर्निग' प्रवेश, शुल्क, अनुदान और प्रशिक्षण संबंधी नई व्यवस्थाएं की जाए ताकी नई संस्थाओं का निर्माण सकारात्मकता के साथ किया जाए.
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अपने लाभ हैं. विश्वविद्यालयों ने इसका सफल उपयोग किया है. शिक्षकों की मदद करने और ई-लर्निंग को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा की पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता में सुधार के लिये निरंतर कार्य करना होगा. ई-पाठशाला विविध ई-पुस्तकों आदि ऐसी ही शिक्षण सामग्री की पहुंच दूरस्थ अंचलों तक बनानी होगी.