भोपाल(Bhopal)।आने वाले दिनों में अब कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमीनी स्तर पर विचारधारा की लड़ाई देखने को मिल सकती है.अपनी विचारधारा को मजबूती देने के लिए कांग्रेस पार्टी अब मध्यप्रदेश में बाल कांग्रेस के रूप में एक नया प्रयोग करने जा रही है.बाल कांग्रेस के जरिए पार्टी को आने वाले समय में पार्टी को कैडरबेस पार्टी के तौर पर मजबूत कर सकेंगे.
कांग्रेस में अब युवाओं की एंट्री
कांग्रेस में अब कम आयु के लोगों को पार्टी से जोड़ रही है. इससे कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोग लंबे समय तक काम करते हुए पार्टी के लिए आधार के रूप में तैयार हो सकें. प्रदेश स्तर पर बाल कांग्रेस प्रकोष्ठ बनेगा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस बारे में सभी जिला इकाई के ग्रामीण और शहर अध्यक्षों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे थे. जिसे पर शहर और ग्रामीण इकाईयों ने बाल कांग्रेस के गठन की रूपरेखा बनाने का काम शुरु कर दिया है. इसमें 16 से 20 वर्ष के बालक-बालिकाओं को शामिल किया जाना है. इसमें उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जिनका परिवार पहले से कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा रहा है.
बाल कांग्रेस से कैडर होगा मजबूत
राजनीतिक विश्लेषक सजी थामस का मानना है कि कांग्रेस आज की स्थिति मे उनके अपने लोगों को भी नहीं रख पा रही है. इसलिए तो सिंधिया जैसे लोग पार्टी की सरकार रहते हुए भी पार्टी छोड़कर चले गए. कांग्रेस के पास सबसे बड़ी चुनौती है कि वो अपने लोगों को जोड़कर मजबूती के साथ रख सके. उसके साथ ही बाल कांग्रेस का गठन उम्मीद की किरण जगा रहा है. इस तरह से कांग्रेस फिर से अपने आप को कैडरबेस पार्टी के रूप में मजबूत कर सकती है. यह काम पहले होना चाहिए था. थामस का कहना है कि बीजेपी ने भी युवाओं को जोड़कर अपने पक्ष में किया है. कांग्रेस को भी इस दिशा में काम करना जरूरी है.