भोपाल। प्रदेश में इस वक्त बाबा और सियायत का खूब मेल दिखाई दे रहा है. बाघेश्वर धाम से नाता रखने वाले धीरेंद्र शास्त्री इस वक्त विवादों से घिरे हुए हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी कथावाचकों के समर्थन में खड़ी है. चमत्कार दिखाने के दावे के समर्थन पर बीजेपी कथावाचकों के साथ है और उन्हें डिफेंड करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही, सूबे के मुखिया शिवराज सिंह सीधे तौर पर तो कथावाचकों के समर्थन में नहीं उतरे हैं. इशारों ही इशारों ने उन्होंने कहा कि कहते हुए दुख होता है, लेकिन कुछ लोग देश में ऐसे हैं, जिन्हें हमारी संस्कृति, परंपरा, जीवनदर्शन, महापुरुष, अध्यात्म और धर्म की आलोचना करने में आनंद आता है. ऐसे लोग गूढ़ हैं, वो ये नहीं जानते कि वो देश का कितना नुकसान कर रहे हैं.
क्या बोले सीएम शिवराज:संघ के विद्या भारती कार्यक्रम में सीएम शिवराज पहुंचे. उन्होंने रामचरित मानस, रामायण और आद्य ग्रंथो की आलोचना करने वालों को नसीहत दी. सीएम शिवराज ने जवाब देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के स्कूलों में गीता, रामचरितमानस और रामायण के प्रसंग पढ़ाए जाएंगे. राम के बिना यह देश जाना नहीं जाता है, राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं. इस देश में जब सुख होता है, तो राम का नाम लिया जाता है और दुख होता है तो भी राम का नाम लिया जाता है. हमारे रामायण हो, महाभारत हो, वेद हों, उपनिषद हों, श्रीमद्भगवद्गीता हो यह अमूल्य ग्रंथ और इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की मनुष्य को संपूर्ण बनाने की क्षमता है, इसलिए हमारे धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी. मैं मुख्यमंत्री होने के नाते भी कह रहा हूं. हम तो शासकीय विद्यालयों में भी देंगे. हमारे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण, उपनिषद हों, ये हमारे अमूल्य ग्रंथ हैं. इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण भी बनायेंगे, नैतिक भी बनायेंगे.