भोपाल।अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे बकुल नाथ का नाम आने के बाद सियासत शुरू हो गई है. अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ का जिक्र किया है. जिसे लेकर अब बीजेपी ने कमलनाथ पर जमकर हमला बोल दिया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले के मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ के नाम का स्पष्ट जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि बकुल नाथ के साथ-साथ मुख्य आरोपी ने इस मामले में कांग्रेस के और भी नेताओं का नाम लिया है. जिनमें खुर्शीद आलम और अहमद पटेल शामिल हैं.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी का नाम भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि हम तो उस वक्त भी कहते थे कि वल्लभ भवन दलाली का अड्डा बन गया है, और कमलनाथ के कार्यकाल में वल्लभ भवन में केवल दलालों को ही प्रवेश दिया जाता था, और उनके आसपास के लोग इस तरह के घोटालों को अंजाम देते थे. जो भी लोग कमलनाथ और कांग्रेस की ईमानदारी के कसीदे पढ़ते थे. वह भी स्पष्ट करें कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी राजीव सक्सेना ने सच कहा है, या झूठ. उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ और उनके लोगों ने जिस तरीके से पूरे देश में भ्रष्टाचार किया है और उसके बाद पिछले दिनों जो कमलनाथ के करीबियों के यहां छापे पड़े थे अब उनकी पुष्टि हो चुकी है.
कांग्रेस ने दी सफाई
इस मामले में कमलनाथ पहले ही अपनी सफाई दे चुके हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि हमारे नेता को खुद सफाई दे चुके हैं, और यह अटल बिहारी सरकार के समय का मामला है. हमारी सरकार ने तो इस पर प्रतिबंध लगाया था और सरकार के प्रतिबंध के बावजूद भी रमन सरकार ने खरीदारी की थी. कमलनाथ ने कहा है कि इस मामले से उनका कोई कनेक्शन नहीं है. उन्होंने अपने भतीजे की कंपनियों और लेन-देन से किसी तरह के ताल्लुक से भी इनकार किया है. उन्होंने अपने बेटे का नाम आने पर कहा है कि मेरा बेटा दुबई में रहता है, एनआरएआई है. उससे जब इस मामले में मैंने बात की तो उसने कहा है कि उसका इस मामले से कोई भी कनेक्शन नहीं है.
भाजपा नेताओं का सच भी आए सामने
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि कांग्रेस नेताओं का इससे कोई संबंध नहीं है. इसमें हमारे नेताओं का पक्ष सामने आ चुका है. अटल बिहारी सरकार के समय का मामला है. कांग्रेस ने तो इस पर प्रतिबंध लगाया था. उसके बावजूद छत्तीसगढ़ की रमन सरकार ने खरीदा था. इसमें बाकी चीजें भी सामने आना चाहिए और दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए. केवल लोगों को बदनाम करने की नीयत है, जो उचित नहीं है. इसमें कांग्रेस नेताओं का पक्ष सामने आ चुका है, और इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है.