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भैयाजी जोशी के नाम पर ठगी की कोशिश, पकड़ा गया फर्जी अधिकारी

आरएसएस के जनरल सेक्रेटरी सुरेश भैयाजी जोशी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रहे युवक को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. भैयाजी जोशी के नाम पर आरोपी आर्मी समेत कई अस्पताल के डॉक्टरों से ट्रांसफर-पोस्टिंग एवं पदोन्नति के लिए झांसा दे रहा था. आरोपी के पास से क्राइम ब्रांच ने कई फर्जी आई-कार्ड और दस्तावेज बरामद किए हैं.

Crime Branch Delhi
क्राइम ब्रांच दिल्ली

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Published : Jan 7, 2021, 5:51 PM IST

नई दिल्ली:डॉ. प्रवीण कुमार ने क्राइम ब्रांच को शिकायत कर बताया कि 4 अक्टूबर को उनके पास देवेंद्र मिश्रा नाम के शख्स का एक कॉल आया. उसने खुद को एम्स और आर्मी के आरआर अस्पताल में विजिटिंग फैकेल्टी और नीति आयोग का सलाहकार बताया.

भैयाजी जोशी के नाम पर ठगी की कोशिश

उसने डॉ. प्रवीण को दिल्ली कैंट स्थित आरआर अस्पताल के ऑफिसर मेस में मिलने के लिए बुलाया. बीते 10 अक्टूबर को उनकी मुलाकात हुई जहां गेस्ट रूम के बाहर डॉ. देवेंद्र (नीति आयोग) की नेम प्लेट लगी हुई थी. देवेंद्र ने उन्हें बताया कि रक्षा मंत्री सहित कई मंत्री एवं ब्यूरोक्रेट से उनका रोजाना मिलना जुलना है. वह उनकी मनचाही प्रमोशन और पोस्टिंग में मदद कर सकता है.

क्राइम ब्रांच दिल्ली

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उसने अपने मोबाइल में कई अधिकारियों और मंत्रियों की तस्वीरें दिखाईं. एक मोबाइल नंबर दिखाते हुए उसने कहा कि यह नंबर आरएसएस के भैयाजी जोशी का है जिनके संपर्क में वह रहता है. इससे डॉ. प्रवीण को शक हुआ और उन्होंने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को दी.

आरोपी देवेंद्र मिश्रा

क्राइम ब्रांच की टीम ने जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली तो पता चला कि आरोपी के पास मौजूद मोबाइल नंबर मध्य प्रदेश के रीवा निवासी देवेंद्र कुमार मिश्रा का है. साइबर सेल को पता चला कि वह पंचकुइयां रोड पर आने वाला है. इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच की टीम ने पहाड़गंज से उदासीन आश्रम के पास से उसे पकड़ लिया.

जोधपुर एम्स निदेशक बनाने का झांसा

जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि आरोपी ने सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जर्नल अनूप बनर्जी को को जोधपुर एम्स का डायरेक्टर बनवाने का झांसा दिया था. उन्होंने क्राइम ब्रांच को बताया कि उनके पास 3 दिसंबर को एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने खुद को आरएसएस का जनरल सेक्रेटरी भैयाजी जोशी बताया था. उन्होंने भरोसा करते हुए अपने दस्तावेज और एप्लीकेशन भी उन्हें भेजी थी. लेकिन बाद में उन्हें लगा कि यह शख्स कोई जालसाज है.

रीवा का है आरोपी

पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह मध्य प्रदेश के रीवा का निवासी है. उसने वर्ष 1993 में 12वीं कक्षा पास की थी. 1995 में उसने इंदौर से लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया. 1996 से 2000 तक उसने रीवा में अपनी लैब चलाई. वर्ष 2008 में दिल्ली आकर उसने लक्ष्मी नगर में लैब खोली. वह विभिन्न लैब के लिए यहां ब्लड सैंपल लेता था. इस कारोबार में उसे काफी घाटा हुआ. इसके बाद वह डॉक्टर एवं भारत सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी बनकर लोगों से ठगी करने लगा. उसने अलीगढ़ के डीएम को कॉल कर एक शख्स का हथियार का लाइसेंस बनाने के लिए कहा था. वह एम्स के डॉक्टर बनकर भी लोगों से ठगी करता था.

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