भोपाल।शिक्षा किसी देश की रीढ़ की हड्डी होती है, जो लोगों न केवल जागरूक बनाती हैं बल्कि अच्छे व्यक्तित्व के निर्माण के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 6 माह से स्कूल बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई का ही एक जरिया है, जिससे वो शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. लेकिन सरकार के तमाम वादों के बाद हकीकत यही है कि करीब ग्रामीण छात्रों के पास ना तो इंटरनेट की अच्छी कनेक्टिविटी है और न ही पर्याप्त संसाधन. जिससे छात्रों की पढ़ाई बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही है. ऐसे में एक लड़की ने कोरोना महामारी के बीच छात्रों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. राजधानी की रहने वाली आशा चौहान इन दिनों ग्रामीण बच्चों के लिए मसीहा बनी हुई है. वे पिछले 6 महीने से गांव-गांव जाकर छात्रों को पढ़ा रही हैं. जिससे छात्रों को काफी फायदा हो रहा है.
आशी चौहान एक युवा कम्यूनिकेटर हैं, जो पिछले 5 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं. विज्ञान के बारे में बच्चों एवं आमजनों को जागरूक करने के लिए आशी तरह-तरह के प्रयास कर रही हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनके सराहनीय कामों के लिए उन्हें राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
'हर दिन नई गली नया विषय'
आज जब देश कोरोना संक्रमण की चपेट में है और स्कूल कॉलेज बंद हैं तो आशी ने अपने प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा है. वो सुबह-सुबह घर से निकलती हैं और गांव पहुंचकर छात्रों को हर दिन नई गली में एकत्रित करती हैं. जहां हर दिन नए-नए विषयों पर छात्रों को जागरूक किया जाता है. वहीं जो छात्र संसाधनों की कमी के चलते स्कूल में ऑनलाइन कक्षाओं से नही जुड़ पाते आशी उन छात्रों को कक्षाएं देने में मदद कर रही हैं.