भोपाल। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को महंगा पड़ गया. पुलिस ने आरिफ मसूद समेत दो हजार लोगों पर धारा 188 के तहत FIR दर्ज की है. FIR दर्ज होने के बाद आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि पावर का इस्तेमाल करके उन पर FIR दर्ज की गई है. अब वह इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजे तक की बात कर रहे हैं.
आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत आतंकवाद के सपोर्टर नहीं लेकिन मजहब हुआ आहत
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि इस मामले में कोई भी मजहब की बात नहीं कर रहा है. सभी आतंकवाद को लेकर ट्वीट और बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद का सपोर्ट नहीं करते हैं, लेकिन जिस तरह से फ्रांस के राष्ट्रपति ने मजहब के बारे में टिप्पणी की है तो उससे मुस्लिम समुदाय के लोग आहत हैं.
फ्रांस के राष्ट्रपति को मांगनी चाहिए माफी
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा इसके लिए फ्रांस के राष्ट्रपति को माफी मांगनी चाहिए. आरिफ मसूद ने कहा कि आतंकवादी हमला बिल्कुल गलत है. इसकी हम लोग निंदा करते हैं और कभी भी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया है.
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शांतिपूर्ण था प्रदर्शन
एफआईआर दर्ज होने पर विधायक आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने को लेकर दो हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. लेकिन हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. कोई भी नारेबाजी या हुड़दंग नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री शिवराज की सभाओं को बनाया निशाना
चुनावी रैलियों और सभाओं में हजारों की भीड़ उमड़ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में तो मंच पर ही 200 से 500 की भीड़ रहती है. इन सभाओं में भी कोई कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है.
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क्यों हुई FIR
30 अक्टूबर को राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में भी गुरुवार को विधायक आरिफ मसूद की अगुवाई में हजारों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे और फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन किया थी. साथ ही उनसे माफी मांगने की अपील की. इस दौरान कोरोना गाइड लाइन के उल्लंघन भी हुआ था, जिस पर 2 हजार लोगों पर FIR दर्ज की गई है.
क्या है फ्रांस राष्ट्रपति से जुड़ा विवाद
फ्रांस में हालिया समय में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आम लोगों के सिर काटने और चाकूबाजी जैसी घटनाओं पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सख्त रुख अपनाने की बात कही थी. बताया जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की, जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति मैक्रों से माफी मांगने की मांग कर रहा है.