भोपाल।मध्य प्रदेश में कोरोना संकट से निपटने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बड़ी भूमिका निभा रही हैं. लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी के साथ मास्क बनाने का भी काम कर रही हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जिलों के अधिकारी नियमित रूप से कुपोषित बच्चों के घर जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. वो लोगों को स्वच्छता और सही खान-पान के टिप्स भी दे रहे हैं. कोरोना संक्रमण से कैसे खुद का बचाया जा सके, लोगों को इस बात की जानकारी भी दी जा रही है.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस संकट की घड़ी में अपनी फिक्र किए बिना घर-घर जाकर सेनेटाइजर और मास्क बांट रही हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ये कोरोना वॉरियर्स भरी दोपहरी में भी हमेशा अपने काम में लगी रहती हैं, कोरोना वायरस से बचाव का सामान हो या पोषण आहार ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों के घर- घर पहुंचा रही हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अधिकारी भी लगातार इनके कामों का निरीक्षण कर रहे हैं और समय-समय पर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रदेश भर में मास्क का उत्पादन सबसे ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्व सहायता समूहों की मदद से किया जा रहा है.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिला हो या कोई नवजात शिशु सब इनकी जिम्मेदारी है, जिसे ये बखूबी निभाती भी हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इतनी व्यस्तता के बीच भी अगर कोई अचानक मदद मांगे, तो बिना किसी सवाल की ये मदद को तैयार रहती हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर का पोषण सुनिश्चित करना इनकी जिम्मेदारी है, इसके अलावा सभी की स्क्रीनिग कर प्रशासन को सूचना देना भी इन्हीं का काम है.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर की जिम्मेदारी के बीच भी मास्क बनाने का काम बंद नहीं होता.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कई बार दुर्गम इलाकों में भी जाकर सेवाएं देती हैं ये कोरोना वॉरियर्स
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांव में किसी को खांसी, जुखाम, बुखार तो नहीं. किन परिवारों के हैं वो लोग जो बाहर से आये हैं. दूसरे राज्यों से आये लोगों को कहां किया गया है क्वॉरेंटाइन. आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ये जानकारियां जुटा रही हैं.
कोरोना वॉरियर्स आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशाओं की इस समय कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, बाहर से आये जितने भी लोग सेल्फ होम क्वॉरेंटाइन में हैं, इनकी पूरी देखरेख गांव में तैनात आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एनम कर रही हैं.