भोपाल।ना खुदा ही मिला ना बिसाल ए-सनम, ना इधर के रहे ना उधर के रहे. ये शेर हम अपने मन से यहां पर नहीं लिख रहे ये तो शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) के एक स्टंटबाज मंत्री की शान में पढ़ा जा रहा है. असल में कुछ ना कुछ अलग करके सुर्खियों में बने रहने वाले मंत्री जी ने झाड़ू भी लगाई. नालियां साफ कर लीं. बिजली के खंबों पर चढ़ गए और तो और चुनावी साल के पहले चप्पलें भी त्याग दी. लेकिन हुआ क्या. ना सरकार की नजरों में चढ़ पाए ना ही जिनके लिए चप्पलें छोड़ी उस जनता ने ये माना कि, मंत्री जी का त्याग तो देखो.
कैसे पार्टी के पुराने नेता:अब पार्टी के भीतर से ही नसीहतें आ रही हैं, और सवाल भी कि मंत्री जी ने तो अपनी ही सरकार की बखिया उधेड़ी है. उनका ये स्टंट बता रहा है कि, सरकार में अफसरशाही इतनी हावी है कि, मंत्री को सड़कें बनवाने चप्पल छोड़नी पड़ गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब सवाल ये भी कि, संगठन में नई बीजेपी (BJP) के माने जाने वाले मंत्री जी ऐसे कैसे पार्टी के पुराने नेता बन पाएंगे.
कांग्रेसियों को अदद फिटनेस फार्मूला: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) इसी महीने में एमपी में एंट्री कर रही है. 13 दिन की एमपी की इस यात्रा में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) करीब तीन सौ किलोमीटर से ज्यादा चलेंगे. अब चुनावी साल के पहले एमपी के कांग्रेस (Congress) नेताओं का इस यात्रा में फिटनेस टेस्ट भी हो जाएगा कि, कौन नेता कितने किलोमीटर तक बिना हांफे राहुल गांधी के साथ चल पाता है.