भोपाल। जुलाई में कोरोना वायरस संक्रमण बेकाबू नजर आ रहा है, जहां पहले शहर में रोजाना 50 से 100 के बीच संक्रमण के नए मामले सामने आते थे, तो वहीं अब प्रतिदिन 150 या फिर 200 से भी ज्यादा नए मामले देखने को मिल रहे हैं. संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के चलते प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी अब चरमराने लगी है. आए दिन मरीज क्वारंटाइन सेंटर और एंबुलेंस की अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायत करते हुए नजर आ रहे हैं. कहीं समय पर संक्रमितों को घर से कोविड सेंटर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं आ रही है, तो कहीं क्वारंटाइन सेंटर में अच्छी गुणवत्ता का खाना नहीं दिया जा रहा है.
संक्रमितों की बढ़ती हुई संख्या के मुताबिक यहां पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं है. सुबह संक्रमित मरीज के पॉजिटिव होने की जानकारी दी जाती है, लेकिन रात तक एंबुलेंस का कोई पता नहीं होता. पिछले दिनों शहर में कई ऐसे मामले देखने को मिले जिनमें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीज को एंबुलेंस का दिनभर इंतजार करना पड़ा.
दिनभर किया एंबुलेंस का इंतजार
पहला मामला बाग मुगलिया एक्सटेंशन कॉलोनी निवासी मरीज का है, जिसके परिवार के तीन सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे, इसकी जानकारी परिवार ने सुबह 9 बजे दे दी थी, लेकिन शाम होने पर भी एंबुलेंस उन्हें लेने नहीं पहुंची.
अपनी कार से पहुंचा चिरायु अस्पताल
दूसरा मामला स्वास्थ्य संचालनालय में पदस्थ लिपिक का है, जहां लिपिक के संक्रमित पाए जाने के बाद परिवार को टीम ने आईसर क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया लेकिन संक्रमित मरीज को कई घंटे होने के बाद भी अस्पताल में शिफ्ट नहीं कराया गया. आखिरकार संक्रमित खुद अपनी कार चलाकर चिरायु अस्पताल पहुंचा.