भोपाल। शनिवार को शिवराज कैबिनेट की बैठक में लव जिहाद को रोकने के लिए बने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी गई है. अब इस विधेयक को विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा. राज्य सरकार ने कानून को सख्त बनाते हुए इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब किसी भी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन कराने के लिए 30 दिन के स्थान पर 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी को इसका आवेदन सौंपना होगा. इसमें प्रावधान किया गया है कि बहला-फुसलाकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराकर कराई गई शादी शून्य होने के साथ ही धर्म परिवर्तन भी स्वता ही शून्य माना जाएगा.
- अब स्वेच्छा से भी यदि कोई धर्म परिवर्तन कर आना चाहता है तो यह कार्य कराने वाले धार्मिक व्यक्ति को 30 दिन के स्थान पर 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी को सूचना देनी होगी.
- ऐसा नहीं करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 5 साल की सजा होगी. 50 हजार के जुर्माने का भी प्रावधान किया जाएगा.
- शादी को शून्य मानने के साथ ही धर्म परिवर्तन भी स्वता ही शून्य हो जाएगा.
- अपना धर्म छिपाकर धर्म परिवर्तन किए जाने पर 3 से 10 साल सजा और 50 हजार का जुर्माना लगेगा.
- नाबालिग अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के धर्म परिवर्तन पर 2 से 10 साल तक की सजा.
- सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 5 से 10 साल की सजा 1 लाख का जुर्माना.
- प्रलोभन, धमकी, बल प्रयोग, प्रताड़ना या कपट पूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन कर आना प्रतिबंधित होगा. ऐसा करने पर 1 साल से 5 साल तक की सजा का प्रावधान.
- एक से अधिक बार अपराध करने वाले को 5 से 10 साल की सजा.अपराध गैर जमानती होगा. मामले की सत्र न्यायालय की सुनवाई कर सकेगा.
- निर्दोष साबित करने की बाध्यता अभियुक्त पर होगी. शादी को शून्य करने का निर्णय फैमिली कोर्ट करेगी.
- धर्म परिवर्तन में लगी संस्थाओं और संगठनों का पंजीयन भी निरस्त हो सकेगा.
- पीड़ित महिला एवं पैदा हुए बच्चे को भरण पोषण का अधिकार और बच्चे को पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में अधिकार बरकरार रखे जाने का प्रावधान भी किया गया है.
- मतांतरण के मामले में व्यक्ति के माता-पिता या भाई-बहन को पुलिस थाने में शिकायत करना जरूरी होगा.
- मामले की जांच उपनिरीक्षक स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं कर सकेगा.