भोपाल। मध्यप्रदेश उपचुनाव के चलते सियासी गलियारों में उठापटक जारी है. बीजेपी की पूर्व विधायक पारुल साहू के कांग्रेस में शामिल होने से सुरखी विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला हो सकता है. पारुल की कांग्रेस में एंट्री से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है, तो बीजेपी में पशोपेश की स्थिति बन गई है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास सिपहसालार गोविंद सिंह राजपूत को सुरखी विधानसभा में कड़ी टक्कर मिलने वाली है.
सुरखी विधानसभा से भाजपा की विधायक रहीं पारुल साहू ने शुक्रवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पारुल की घर वापसी बता रही है कि आगामी उपचुनाव की सभी सीटों में सुरखी विधानसभा सीट का मुकाबला सबसे प्रतिष्ठा पूर्ण होगा. खास बात यह है कि गोविंद सिंह राजपूत के बाहुबल-धनबल का मुकाबला करने में पारुल साहू हर तरह से सक्षम हैं, जिसके चलते सुरखी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.
एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे कमलनाथ
दरअसल, सिंधिया समर्थक बागी विधायकों को सबक सिखाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सिपहसालार शिवराज सरकार के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री तुलसी सिलावट को सबक सिखाने के लिए कमलनाथ हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. पारुल साहू की कांग्रेस में आमद इन्हीं प्रयासों का नतीजा है.
गोविंद राजपूत को पहले भी दे चुकी हैं शिकस्त
जहां तक पारुल साहू की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें, तो पारुल साहू का परिवार कांग्रेस पृष्ठभूमि का है. उनके पिता संतोष साहू सागर जिले की बंडा सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं. संतोष साहू ने बीजेपी के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर को प्रतिष्ठा पूर्ण मुकाबले में हराया था. हालांकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में सागर संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट की दावेदारी कर रहे संतोष साहू असलम शेर खान को सागर से टिकट दिए जाने पर नाराज हो गए थे और उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था.
2013 में बेटी की करवाई थी राजनीति में एंट्री
संतोष साहू भाजपा की राजनीति में खुले तौर पर सक्रिय नजर नहीं आए, लेकिन 2013 में जब सुरखी विधानसभा से गोविंद सिंह राजपूत को टक्कर देने के लिए बीजेपी के पास कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं था. तब बीजेपी ने संतोष साहू की बेटी पारुल साहू को मैदान में उतारा. जहां कड़ी टक्कर के बाद पारुल साहू ने गोविंद सिंह राजपूत को शिकस्त दी. वहीं अब कांग्रेस ने भी बीजेपी के उसी दाव को चलकर गोविंद सिंह राजपूत को कड़ी टक्कर दी है.