भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 18 साल बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. खबर ये भी आ रही है सिंधिया समर्थक 14 विधायकों ने भी ईमेल से विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल को इस्तीफा भेज दिया है, अब किसी भी वक्त सिंधिया बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं, दिल्ली में सिंधिया की मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से हो चुकी है.
मध्यप्रदेश का 'सियासी गणित' ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जा रहे 17 कांग्रेस विधायक भी बेंगलुरु में मौजूद हैं, जिसमें कमलनाथ सरकार के 6 मंत्री भी शामिल बताए जा रहे हैं. इस पूरे घटनाक्रम के बाद सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
बैठक-मुलाकात का दौर जारी
इस सियासी संकट के बीच सिंधिया दिल्ली में ही मौजूद हैं, दिल्ली में उन्होंने बड़े नेताओं से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा भी की, लेकिन शायद कांग्रेस पार्टी ने उनकी शर्तें मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद सिंधिया ने अपना रुख बीजेपी की तरफ कर लिया. 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले विधायकों के बागी तेवर ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार मामूली बहुमत के आधार पर टिकी हुई है. ऐसे में सरकार के अस्तित्व पर ही अब सवाल उठने लगे हैं.
क्या है विधानसभा की स्थिति
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं और वर्तमान में 2 विधायकों के निधन के कारण विधानसभा में 228 विधायक ही हैं. कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं. जबकि उसे 2 बीएसपी (एक पार्टी से निलंबित) और एक समाजवादी पार्टी विधायक के अलावा 4 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है. ऐसे में कमलनाथ सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है.
अगर बात करें बीजेपी की तो इनके पास 107 विधायक हैं. 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 116 विधायकों का समर्थन जरूरी है.
कांग्रेस खेमे में मची हलचल को देखते हुए बीजेपी अटेंशन मोड़ में नजर आ रही है. होली होने के बावजूद बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई है. और आज शाम 7 बजे बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी.
कम से कम 9 और विधायक चाहिए
कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने पर बीजेपी को नई सरकार बनाने के लिए कम से कम 9 विधायकों की जरूरत होगी तब जाकर यह आंकड़ा 116 तक पहुंचेगा.
सियासी घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ सीएम हाउस में मौजूद हैं और सियासी गणित को साधने में लगे हुए हैं, कमलनाथ के सभी समर्थक भी सरकार बचाने में लगे हुए हैं, कल रात कैबिनेट बैठक में भी 28 कैबिनेट मंत्रियों में से 22 ने इस्तीफा दे दिया था. अब देखना होगा कि आने वाले समय में एमपी की सियासत किस ओर बढ़ती है.