भोपाल। प्रदेश में कोरोना टेस्ट से पहले सीटी स्कैन कराने के मामलों में जबरदस्त बढोतरी देखी जा रही है. ऐसा भ्रम फैला हुआ है कि सीटी स्कैन से पता चल जाएगा कि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. डॉक्टर भी इसे प्रमोट कर रहे हैं. निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से यह सीटी स्कैन करवाया जा रहा है. इसके एवज में जांच करवाने वालों से कोरोना काल में डेढ़ से दो गुना तक शुल्क वसूला जा रहा है. ऐसे में सरकार ने इसके रेट निर्धारित कर लगाम लगाने की कोशिश की है.
सीटी स्कैन के लिए मरीजों से जमकर लूट
बता दें कि एक पीड़ित व्यक्ति रॉबिन के पिता को अप्रैल माह में कोरोना के लक्षण नजर आए, जिसके बाद उनका भोपाल के कई सिटी सेंटर में सिटी स्कैन कराया गया. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में सिटी स्कैन के माध्यम आसानी से पता लगाया गया कि व्यक्ति के लंग्स में कितना इंफेक्शन पहुंच गया है. यह स्कीम कामयाबी भी हुई. ऐसे में डॉक्टर भी इसे प्रमोट करते दिखे, लेकिन सिटी सेंटर की मनमानी के चलते आम आदमी की जेब पर इसका खासा असर नजर आया. इस दौरान सेंटर के संचालकों ने भी जमकर लूट मचाई. बात रोबिन की ही लीजिए. रोबिन के पिता को जब सीटी स्कैन के लिए लेकर गए तो, सेंटर पर उनसे 5 से 6 हजार रुपए तक की मांग की गई, जबकि दो से तीन हजार में सीटी स्कैन आसानी से हो जाए करता था.