भोपाल।काश! मध्य प्रदेश की जनता को भी कोई हनुमान की तरह हवा में उड़कर संजीवनी ला देता. जी हां बिलकुल वैसे ही जैसे भगवान लक्ष्मण घायल होने पर हनुमान जी ने संजीवनी लाकर उनकी जान बचाई थी. मध्य प्रदेश में कोरोना से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे मरीजों को आज ऐसे ही किसी संजीवनी ऑक्सीजन (oxygen) और हनुमान की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में यहां संजीवनी लाने वाला कोई नहीं है. 30 अप्रैल तक मध्य प्रदेश को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और सरकार के पास फिलहाल सिर्फ 70 ऑक्सीजन टैंकर बचे हैं. ऐसे में अन्य राज्यों से ऑक्सीजन कैसे लाई जाए यह सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
- दो मंत्रियों ने दिल्ली में जमाया है डेरा
ऑक्सीजन (Oxygen) की पूर्ति को लेकर मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया शुक्रवार से ही दिल्ली में हैं. भदौरिया ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. इस दौरान राज्यों को ऑक्सीजन अलॉटमेंट के साथ टैंकरों की उपलब्ध कराने की भी मांग की.
- ऑक्सीजन ऑडिट होगा- सीएम शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा करते हुए बताया कि हमने ऑक्सीजन बचाने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट की व्यवस्था की है. सभी अस्पतालों को पोर्टल में जोड़ते हुए ऑक्सीजन के उचित उपयोग के लिए कहा गया है. खंडवा का उदाहरण देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले खंडवा में 80 सिलेंडर उपयोग होते थे, लेकिन अब इनकी संख्या घटकर 25 हो गई है. इसके साथ ही बीना रिफाइनरी में उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग करने के लिए रिफाइनरी के पड़ोस में ही एक हजार बिस्तर का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है.
ऑक्सीजन प्लांट संचालक के सामने नतमस्तक हुए मंत्री प्रद्युम्न सिंह
- ऑक्सीजन लाने मध्य प्रदेश को चाहिए 50 टैंकर