भोपाल| भोपाल लोकसभा सीट पर इस बार जनता ने वोटिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. जिसके बाद से राजनीतिक दल खासकर बीजेपी-कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जोड़-घटाव में जुट गए हैं. कांग्रेस और बीजेपी के नेता इस मतदान को अपने-अपने पक्ष में बता रहे हैं. पिछली बार के मुकाबले इस बार लोकसभा चुनाव में 7.9 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है. इसी मतदान को लेकर दोनों दल चिंतित हैं कि ये वोट किसके पाले में गए हैं.
भोपाल की जनता ने की बंपर वोटिंग, 2014 के मुकाबले 7.9 फीसदी ज्यादा मतदान - 7.9 फीसदी ज्यादा वोटिंग
भोपाल लोकसभा सीट पर 2014 के मुकाबले 7.9 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है. इसी मतदान को लेकर दोनों दल चिंतित हैं कि ये वोट किसके पाले में गए हैं.
इस बार भोपाल लोकसभा सीट पर जनता ने 65.69 फीसदी वोटिंग कि है जो 2014 के मुकाबले 7.9 फीसदी ज्यादा है. 2014 में 57.79 फिसदी मतदान हुआ था. इससे पहले 1999 में 61. 88 फीसदी वोटिंग हुई थी. इसके बाद से वोटिंग का आंकड़ा 60 फीसदी से ऊपर कभी नहीं पहुंचा. बढ़े हुए मतदान पर कमलनाथ सरकार के मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि हमारी सरकार ने जो वादे किए थे वो पूरे किए हैं. इसलिए ये बदलाव का वोट है और कांग्रेस के पक्ष में गया है.
बीजेपी विधायक विश्वास सारंग का कहना है कि चुनाव की शुरुआत से ही मोदी-मोदी की आंधी चल रही थी. जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ते चले गए ये आंधी तूफान में बदल गई और जो वोटिंग बढ़ी है ये सिर्फ मोदी के नाम पर हुई है. मोदी को लेकर एक अलग तरह का आकर्षण है. अब देखना दिलचस्प होगा कि ये बंपर वोटिंग किसके चेहरे पर खुशी लाती है और किसके चेहरे पर मायूसी.