भोपाल। व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर, तीखे व्यंग्यों के द्वारा चुटीले अंदाज में व्यवस्था की खामियों और आम जन के दर्द को अभिव्यक्ति देने वाले हरिशंकर परसाई की आज 63वीं पुण्यतिथि है. परसाई ने व्यंग्य को हल्के-फुल्के होने के भाव से उठाकर नई पहचान दिलाई और लोकप्रिय बनाया. उनका निधन आज ही के दिन 10 अगस्त, 1995 को हुआ था. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने हरिशंकर परसाई की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है.
हरिशंकर परसाई का जन्म होशंगाबाद के जमानी में 22 अगस्त 1926 को हुआ था. परसाई हिंदी के पहले रचनाकार थे, जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा. उनकी व्यंग्य रचनाएं हमारे मन में गुदगुदी ही पैदा नहीं करतीं, बल्कि हमें उन सामाजिक वास्तविकताओं के आमने- सामने खड़ा करती हैं, जिनसे किसी भी और राजनीतिक व्यवस्था में पिसते मध्यमवर्गीय मन की सच्चाइयों को उन्होंने बहुत ही निकटता से पकड़ा था.