भोपाल।राज्य शासन ने 6 आईएएस अफसरों को सचिव से प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया है, जबकि कुछ अफसरों पर जांच चलने के चलते उनकी पदोन्नति रोक दी गई है. पदोन्नति को लेकर एक दिन पहले ही मंत्रालय में मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में डीपीसी की बैठक हुई थी. इसमें 1995 और 1996 बैच के अफसरों के नामों पर विचार किया गया था.
6 IAS अफसर सचिव से बनाए गए प्रमुख सचिव, रमेश थेटे का तीसरी बार भी नहीं हो पाया प्रमोशन
राज्य शासन ने 6 IAS अफसरों को सचिव से प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया है, जबकि कुछ अफसरों पर जांच चलने के कारण उनकी पदोन्नति रोक दी गई है. वहीं 1993 बैच के आईएएस अफसर रमेश थेटे की पदोन्नति जांच चलने के कारण लगातार तीसरी बार रोकी गई है.
इस बैठक में 1996 बैच के 7 में से 6 अफसरों को पदोन्नत किया गया है. जिसमें डीपी आहूजा, नीतेश कुमार व्यास, फैज अहमद किदवई, अमित राठौर, उमाकांत उमराव और करलिन खोंगवार देशमुख शामिल हैं. वहीं संजीव झा का नाम भी जांच में उलझे होने के कारण रोका गया है. इसके साथ ही 1995 बैच के एकमात्र अफसर सचिन सिन्हा की पदोन्नति जांच चलने के कारण नहीं हो पाई है. खास बात ये है कि 1993 बैच के आईएएस अफसर रमेश थेटे की पदोन्नति जांच चलने के चलते लगातार तीसरी बार रोकी गई है.
बता दें कि 25 साल की सेवा पूरी होने पर सचिव से प्रमुख सचिव पद पर प्रमोशन का नियम है लेकिन जिनका प्रमोशन किया गया है, उन्हें 24 साल ही सेवा के हुए हैं. हाल ही में चार प्रमुख सचिव केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं, इसलिए पद खाली होने पर इन्हें प्रमोशन दिया गया है. इसमें हरि रंजन राव, बीएल कांता राव, नीलम शमीराव और प्रमोद अग्रवाल शामिल हैं.