भोपाल।पिपलानी थाना क्षेत्र में बुराड़ी (Buradi Kand Delhi) जैसी घटना घटी है, जहां एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने आत्महत्या (5 members of same family ate poison in bhopal) करने का प्रयास किया है, जिसमें दो सगी बहनों उसकी दादी नंदनी जोशी की मौत हो गई है, जबकि अन्य की हालत गंभीर है. सभी का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पिपलानी थाना क्षेत्र के आनंद नगर में रहने वाला संजीव जोशी कार मैकेनिक हैं, उनकी पत्नी अर्चना जोशी किराना दुकान चलाती हैं. बीती रात संजीव, उसकी पत्नी अर्चना और मां नंदिनी के अलावा दो बेटियों ऋषिमा-पूर्वी ने जहर खा लिया था. गंभीर हालत में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां तीन की मौत हो चुकी है.
बाढ़ में बह गया सीप नदी पर बना पुल! रोजाना जान की बाजी लगा नदी पार कर रहे सैकड़ों ग्रामीण
जोशी परिवार के जहर खाने की वजह आर्थिक तंगी और कर्ज बताया जा रहा है. पड़ेासियों का कहना है कि गुरुवार को एक महिला ने आकर परिवार के सदस्यों के साथ अभद्रता की थी. शुक्रवार सुबह पता चला कि पांचों लोगों ने चूहा मार दवा खा लिया है. सभी का गायत्री अस्पताल में इलाज चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें कथित तौर पर आर्थिक तंगी का जिक्र किया गया है. पुलिस अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों के बयान दर्ज की है है.
भोपाल में एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने खाया जहर
कौन हैं संजीव जोशी और क्या है परिवार की स्थिति?
- संजीव जोशी ऑटो पार्ट्स का काम करते थे और साथ ही दुकान चलाते थे. फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
- उनकी पत्नी अर्चना जोशी एक प्रायवेट स्कूल का संचालन कर चुकी हैं. बाद में जब स्कूल ठीक नहीं चला तो उन्होने एक दुकान घर पर ही शुरु किया. इनका भी इलाज चल रहा है.
- मां नंदिनी जोशी टीचर थीं. बुजुर्ग होने के चलते घर पर ही रहती थीं. इनकी मौत हो चुकी है.
- संजीव की बड़ी बेटी ग्रीष्मा एलएनसीटी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रही थी. अब इस दुनिया में नहीं है.
- छोटी बेटी पूर्वी 10वीं पढ़ रही थी और इस साल बोर्ड की परीक्षा में शामिल होना था. पूर्वी की भी मौत हो गई.
इस घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान भी काफी दुखी नजर आए. उन्होने एक बयान में कहा कि यह घटना हृदयविदारक है. साथ ही उन्होने सूदखोरों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किया.मां नंदिनी जोशी टीचर थीं और फिलहाल बुजुर्ग होने के चलते घर पर ही रहती थीं.
क्यों उठाया खौफनाक कदम?
जो जानकारी इस परिवार के बारे में अब तक सामने आया है उसके हिसाब से जोशी दंपती के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी थी. संजीव के नाम पर 3 प्लॉट, 2 दुकानें और एक मकान है. हांलाकि वो सूदखोरों इतने प्रताड़ित हो चुके थे कि मानसिक अवसाद के शिकार हो गए. इसी के चलते पूरे परिवार के साथ खुद को खत्म करने जैसा दिल दहला देने वाले कदम उठाया. पूरा परिवार तबाह हो गया. अब अस्पताल में वृद्ध मां और दोनों बेटियों की मौत के बाद पति-पत्नी जिंदगी और मौत के बीचे संघर्ष कर रहे हैं.
सीहोर में भी सूदखोरों से परेशान शख्स ने किया सुसाइड
वहीं सूदखोरों पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई है, जिसमें सूदखोरों पर सख्त कार्रवाई की रणनीति बनाई जाएगी. इधर सिहोर में सूदखोर से परेशान सीहोर के एक व्यक्ति ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी. उसकी लाश के पास से पुलिस को सुसाइड नोट मिला है, जिसमें 10 फीसदी ब्याज की दर पर कर्ज लेने का जिक्र है, कोतवाली पुलिस जांच कर रही है. भोपाल की घटना का भी सूदखोरी से ही कनेक्शन लगता है, यही वजह है कि सरकार तुरंत एक्शन के मूड में है.
राजस्थान में भी हो चुका है ऐसा मामला
राजस्थान के गंगापुर सिटी में साल 2013 में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. घटना में एक पूरा परिवार जहरीला लड्डू का लेता है क्योंकि उन्हे भगवाव शंकर से मिलना था. मामला 26 मार्च का है जब एक फोटोग्राफर कंचन सिंह के परिवार जो वीडियो में हंसता खेलता दिख रहै था अचानक भगवान भोले भंडारी से मिलन की चाह में जहरीला लड्डू खा लेता है. इस घटना में परिवार के 8 में से 5 सदस्यों की मौत हो जाती है. परिवार तंत्र-मंत्र में पूरी तरह से डूबा रहता था.
क्या था दिल्ली का बुराड़ी कांड, क्यों की थी परिवार के 11 लोगों ने सुसाइड
दिल्ली में साल 2018 में बुराड़ी इलाके में एक साथ एक ही परिवार के 11 सदस्यों की लाश मिलने से सनसनी फैल गई थी. परिवार के सदस्यों के पोस्टमॉर्टम के बाद बिरसा रिपोर्ट से जो खुलासा हुआ उसने सबको सकते में डाल दिया था. आत्महत्या से पहले कुछ लोगों ने खाने में कुछ लिया था और कुछ लोग बिल्कुल भूखे थे. पूरे परिवार ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कि क्योंकि उन्हे 'मोक्ष' हासिल करने का चाह थी. 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या की थी. यहां संतनगर में एक ही घर से एक ही परिवार के 11 लोगों की लाशें मिली थीं. ये परिवार अपने मृत पितरों से मिलने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहा था और धार्मिक अनुष्ठान में जुटा था.