भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन शुरू हो चुका है. सरकार का कहना है कि शुरूआती तीन दिन में 23 हजार 224 किसानों से 43 हजार 273 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई है, प्रमुख सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में गेहूं उपार्जन प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है. वहीं कांग्रेस ने गेहूं खरीदी केंद्र पर अनियमितताएं सामने आने की बात कही है.
तीन दिनों में 43273 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी, केंद्रों पर अनियमितताः कुणाल चौधरी
प्रदेश सरकार ने 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू कर दी है, तीन दिनों में 43 हजार 273 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई है.
किसान इस बार अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए खरीदी केन्द्र पर निर्धारित समय पर पहुंच रहे हैं, केन्द्र पर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह पालन किया जा रहा है, जानकारी के मुताबिक फसल खरीदी के पहले दिन 15 अप्रैल को 2766 किसानों द्वारा 4954 मीट्रिक टन गेहूं का विक्रय किया गया. दूसरे दिन 16 अप्रैल को 6 738 किसानों द्वारा 12 हजार 824 मीट्रिक टन गेहूं का समर्थन मूल्य पर बेचा गया. तीसरे दिन 17 अप्रैल को 13 हजार 720 किसानों द्वारा 25 हजार 495 मीट्रिक टन गेहू का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया गया. इन तीन दिनों में 23 हजार 224 किसानों ने अपने 43 हजार 273 मीट्रिक टन गेहूं खरीदी केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर बेचा है.
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने गेहूं खरीदी को लेकर कहा कि 'मध्यप्रदेश में 15 अप्रैल से फसल खरीदी चालू होने के बाद से ही मैंने कई खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया, हर जगह अनियमितताएं सामने आ रही हैं. सरकार शीघ्र ही हर पंचायत पर खरीदी केंद्र बनाए एवं हर किसान की फसल का एक एक दाना खरीदे और उसे फसल का पूरा दाम दें.