भोपाल।मध्य प्रदेश में 100 करोड़ रुपये से कम निवेश वाले, जबकि 500 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले उद्योग, मेगा उद्योग की श्रेणी में शामिल होंगे और सरकार से उन्हें जरूरी पैकेज मिलेगा. निवेश को बढ़ावा देने के लिए 7 दिनों के भीतर 40 सेवाओं के लिए तत्काल मंजूरी और लाइसेंस अनिवार्य रूप से मिल जाएंगे. दिल्ली में आयोजित राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी घोषणा की है.
निवेश पोर्टल द्वारा प्रदान की गई डीम्ड स्वीकृति को वास्तविक स्वीकृति मंजूरी के बराबर माना जाएगा और इसकी कानूनी मान्यता होगी. औद्योगिक पार्कों के बाहर स्थापित परिधान इकाइयों को परिधान क्षेत्र को दिये जा रहे पैकेज के तहत प्रोत्साहन राशि मिलेगी. राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने प्रदेश में 3,250 करोड़ रुपये की निवेश की घोषणा की है. इससे 14 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
नई दिल्ली में वस्त्र और परिधान तथा खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर की प्रमुख उद्योग इकाइयों के प्रमुखों के साथ गोलमेज कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ी संख्या में रोजगार निर्माण करने वाले इस क्षेत्र की उद्योग इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी दी. उन्होंने इन सेक्टरों को आगे बढ़ाने में उद्योगपतियों से सहयोग मांगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जैविक कपास से कपड़ा और परिधान बनाने के लिए और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है.
एकीकृत इकाइयों को प्रोत्साहित करने बनेगी नीति
मुख्यमंत्री ने बताया कि कॉटन उत्पादक किसानों और संबंधित निर्माताओं को शामिल करते हुए राज्य शासन ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. समिति वस्त्र/परिधान के लिए कपास के उपयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर अमल करेगी. राज्य सरकार कपड़ा क्षेत्र में समग्र और एकीकृत इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति भी तैयार करेगी.
निवेश विस्तार योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया कि पांच करोड़ रुपये से अधिक की निवेश विस्तार योजना को भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी. अब तक यह प्रावधान था कि प्रोत्साहन राशि मूल निवेश के केवल 30 प्रतिशत राशि पर जो 10 करोड़ रुपये से कम नहीं पर ही मिलती थी. इससे पहले से निवेश कर चुकी इकाइयों की निवेश विस्तार योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा.