भोपाल। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी के रथ को रोकने के लिए विपक्षी पदों के गठबंधन इंडिया में शामिल दो दल मध्यप्रदेश के चुनाव में कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. आम आदमी पार्टी और सपा एमपी में कांग्रेस को दो का दम दिखा रही है. वहीं 4 सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम कांग्रेस की परेशानी बढ़ा रही है. माना जा रहा है कि आप, एआईएमआईएम और सपा तीन का दम दिखा सकती है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो एआईएमआईएम (AIMIM) की मौजूदगी का नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है.
आप को उम्मीद एमपी में खुलेगा खाता:आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद सिंगरौली से पार्टी के लिए विधानसभा का दरबाजा खुलेगा. आप ने इस सीट से रानी अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर सिंगरौली से महापौर चुनाव भी जीता था. इसके अलावा बंडा से सुधीर यादव, चाचौड़ा से ममता मीणा, दमोह से चाहत पांडे, चुरहट से अमरेंद्र मिश्रा, बालाघाट के कटंगी से प्रशांत मेश्राम ने मुकाबले को चुनौती पूर्ण बना दिया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित पार्टी के कई नेता लगातार मध्यप्रदेश में दौरे कर रहे हैं.
उवैसी न बिगाड़ दे 4 सीटों पर गणित: विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और अन्य पार्टियों में इस बार हैदराबाद के नेता असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम(AIMIM) ने भी चार सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम ने गजेन्द्र उर्फ गज्जू सोनकर को मैदान में उतारा है. पार्टी निकाय चुनाव में इन सीट के दो वार्डों में अपना खाता खोल चुकी है. जबलपुर पूर्व मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और कांग्रेस के लखन घनघोरिया की अच्छी पकड़ मानी जाती रही है, लेकिन एआईएमआईएम की मौजूदगी से कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो गई है.
इस सीट से बीजेपी के अंचल सोनकर चुनाव मैदान में हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस के घनघोरिया ने सोनकर को 35 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. बुरहानपुर सीट से एआईएमआईएम ने कांग्रेस के संगठन मंत्री नफीस मंशा खान को चुनाव मैदान में उतारा है. यहां कांग्रेस ने सुरेन्द्र सिंह शेरा, बीजेपी ने अर्चना चिटनिस को मैदान में उतारा है. जबकि बीजेपी के दिग्गज नेता रहे नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन चौहान निर्दलीय मैदान में हैं. इससे यहां मुकाबला चार कोणीय हो गया है. उधर इंदौर 1 और 5 नंबर सीट पर भी एआईएमआईएम के प्रत्याशी मैदान में हैं. एआईएमआईएम के उतरने से इंदौर 5 में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. माना जा रहा है कि एआईएमआईएम की मौजूदगी का नुकसान कांग्रेस को वोटों के रूप में उठाना पड़ सकता है.