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200 मीटर लंबी दरार से किसान हैरान, भू-गर्भ वैज्ञानिक कर रहे जांच - मध्य प्रदेश में भू-गर्भीय हलचल

भिंड के अटेर क्षेत्र के इंगुरी गांव में करीब 200 मीटर तक लंबी दरार देखी गई है. खेत में बड़ी भौगोलिक दरार ने वहां के सभी ग्रामीणों का ध्यान खींचा है. फिलहाल भूगर्भ वैज्ञानिक इस दरार की जांच कर रहे हैं.

crack in land
जमीन में दरार

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Published : Jun 30, 2021, 10:18 PM IST

भिंड। जिले में पिछले हफ्ते के अंत में आई खेत में बड़ी भौगोलिक दरार ने सभी का ध्यान खींचा है. अटेर क्षेत्र के इंगुरी गांव में करीब 200 मीटर तक लंबी यह दरार देखी गई. कई जगह तो एक फीट से ज्यादा चौड़ी है. कलेक्टर के आग्रह पर ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर एसएन महापात्रा ने घटना स्थल का सर्वे किया है. आज शाम को इसकी रिपोर्ट भिंड कलेक्टर को भेजी जाएगी.

200 मीटर लंबी दरार

दहशत में ग्रामीण

भिंड जिले के अटेर क्षेत्र में ग्रामीण तब दहशत में आ गए जब इंगुरी गांव के स्कूल के पास बने खेतों में अचानक जमीन फट गयी थी. खेतों में करीब 200 मीटर लम्बी और इसकी गहराई का अभी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. यह दरार कई जगह 6 इंच से लेकर 1 फीट से भी ज्यादा चौड़ी है. इस घटना के बाद से ग्रामीण लगातार यहां पहरे दे रहे हैं. उन्हें किसी बड़े हादसे या भू-गर्भीय हलचल से अप्रिय घटना का डर बना हुआ है.

भिंड में जमीन फटी, आई 200 मीटर लंबी गहरी दरार, दहशत में ग्रामीण

दरार का विशेषज्ञों की टीम ने किया सर्वे

मामले को गंभीरता से लेते हुए भिंड कलेक्टर ने ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के भू-गर्भ शास्त्र विषय के एक्स्पर्ट और प्रोफेसर एसएन महापात्रा से दो दिन फोन पर चर्चा कर सारी स्थिति से अवगत कराया और कलेक्टर के अनुरोध पर प्रोफेसर महापात्रा ने अपने सहयोगियों के साथ भिंड स्थित उस खेत में आई दरार का सर्वे किया है. उन्होंने सभी परिस्थितियों का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान मौके पर अटेर एसडीएम और SDOP के साथ अन्य अधिकारी भी पहुंचे थे.

खेत में दरार
कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे प्रोफेसर महापात्रा

प्रोफेसर महापत्रा का कहना है कि उन्होंने अभी सर्वे किया है और अब इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जो भी नतीजे इस रिपोर्ट में सामने आएंगे उनसे यह बात स्पष्ट हो सकेगा कि इस तरह की भूगौलिक घटना क्यों हुई. रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद इसे भिंड कलेक्टर को सौंपा जाएगा.

यह हो सकती है वजह

हालांकि ये माना जा रहा है की इस तरह की परिस्थिति फिलहाल दो कारणों से होना मानी जा रही है. पहली यह कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए खोदे गए बोर खाली हो जाने पर जमीन के अंदर गढ्ढे के रूप में रह जाते हैं ऐसे में अंदर मिट्टी धसकने से इस तरह के हालत बन जाते हैं. दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि गांव से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर ही चंबल नदी है और जब नदियों का जलस्तर कम होता है तो वे आसपास की जमीन से भी पानी खींच लेती है जिसकी वजह से भी इस तरह दरार आ सकती है. हालांकि वजह इनके से हो या कुछ बड़ा घटित होने की आशंका है. इस घटना का सही और निकटतम स्पष्टीकरण तो प्रोफेसर महापात्रा की रिपोर्ट तैयार होने पर ही पता चलेगा.

भूगर्भ विज्ञान के विशेषज्ञ प्रोफेसर एसएन महापात्रा ने बताया कि अभी दरार का सर्वे किया जा रहा है और अब हम इसकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. जैसे ही रिपोर्ट बन जाएगी, इस घटना की स्थिति उससे स्पष्ट हो जाएगी. इस घटना की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप देंगे.

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