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MP में नई आफत! स्क्रब टायफस से 2 की मौत, जानिए कैसे फैलता है ये रोग, क्या है उपाय?

एमपी में ब्लैक फंगस, कोविड और डेंगू के बाद लोगों पर अब स्क्रब टायफस का खतरा मंडरा रहा है. प्रदेश में अब तक इसके 9 मामले सामने आ चुके हैं.

स्क्रब टायफस से 2 की मौत
स्क्रब टायफस से 2 की मौत

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Published : Sep 6, 2021, 10:39 PM IST

भोपाल/जबलपुर। करोना के बाद अब मध्य प्रदेश में स्क्रब टायफस (scrub typhus) की बीमारी ने दस्तक दे दी है. सोमवार तक प्रदेश में इसके 9 मामले सामने आ चुके हैं. भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में 2 मरीजों में इसकी पुष्टी हुई है. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) का कहना है कि प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा हर बीमारी से लड़ने के लिए तैयार है. यह बीमारी मुख्य रूप से चूहों के शरीर में पैदा होने वाले कीड़ों से इंसानों में आ रही है.

हर बीमारी से लड़ने को तैयार है स्वास्थ्य विभाग

करोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक है और ऐसे में एक नई बीमारी से दो बच्चों की मौत का मामला भी सामने आया है. कोरोना, डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू के बाद अब मध्य प्रदेश में स्क्रब टायफस नाम की बीमारी ने दस्तक दी है. जिनके मरीजों की संख्या सोमवार तक 9 हो गई. इनमें 2 बच्चे भी मौत हो गई है. बाकी सात मरीज में से 3 की उम्र 10 साल से कम है.

हर बीमारी से लड़ने को तैयार है स्वास्थ्य विभाग

अभी तक इसके 30 सैंपल जबलपुर की लैब में भेजे जा चुके हैं. जिसमें से 7 लोगों में स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हुई है. दो मरीज एम्स भोपाल में भर्ती हैं. दो बैतूल और मंदसौर के हैं. ऐसे में सरकार भी इसको लेकर शुरुआती दौर में ही सतर्कता पर आ गई है. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि "स्वास्थ्य महकमा किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार है. लेकिन इस बीमारी का क्या रूप होगा और कितनी तेजी से इसकी रफ्तार है. यह कहना जल्दबाजी है. लेकिन विभाग अभी भी तमाम बीमारी को लेकर सजग है और तैयार है."

किन किन शहर में मिले मरीज ?

मध्यप्रदेश में सोमवार तक 9 मरीजों की पुष्टि हुई है. जिसमें रायसेन के उदयपुरा निवासी 6 वर्षीय भूपेंद्र और दमोह के 4 वर्षीय सतीश की मौत हो चुकी है. जबकि दमोह के ही सुनकाड गांव में 8 साल की बच्ची भी संक्रमित मिली है. सतना के पनगरा गांव में 10 साल की बच्ची, नरसिंहपुर के गोटेगांव में 42 वर्षीय पुरुष और सतना के हीरोंधी गांव में 43 साल के एक पुरुष में इसका संक्रमण मिला हैं. भोपाल एम्स में बैतूल और मंदसौर से आए 2 मरीजों में भी स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हुई है.

ये हैं बीमारी के लक्षण


क्या है इस बीमारी के लक्षण?(Symptoms of Scrub Typhus)

भोपाल हमीदिया अस्पताल के कोविड विभाग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर पराग शर्मा बताते हैं कि "यह बीमारी मुख्य रूप से चूहे के कीड़ों से होती है. यह कीड़ा जब इंसान को काट लेता है तो उसके कारण यह बीमारी फैलती है. स्क्रब टायफस के लक्षणों में सामान्य रूप से बुखार, सिर दर्द, शरीर पर रैशेस आना और दर्द रहने के साथ ही जहां पर कीड़ा काटता है वहां पर पपड़ी जम जाती है. गंभीर बीमारी में मानसिक परिवर्तन और कोमा तक की स्थिति के लक्षण पाए जाते हैं. ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेना है, सबसे पहला बचाव का उपाय है."

स्क्रब टायफस रोगाणु जनित रोग है जो कि ओरांसिया बैक्ट्रिया नाम के रोगाणु से फैलता है, यह वायरस कीड़ों के लार्वा से फैलता है. आमतौर में यह लार्वा कीड़ों के माध्यम से एक से दूसरे पर फैलता है. स्क्रब के लक्षण भी अन्य वायरस जैसे होते है. इस बीमारी को लेकर डॉक्टरों का एक तर्क यह भी है कि जब बीमारी गंभीर रूप लेती है तो ऑर्गन फैलियर और ब्लडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है. इसका समय पर इलाज नहीं होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है. अभी इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है. इसलिए डॉक्टर जरा से भी लक्षण पाए जाने में इसके जांच के बाद टेस्ट की बात कहते हैं.

रोगाणु जनित रोग है स्क्रब टायफस

रोगाणु जनित रोग है स्क्रब टायफस

जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ संजय मिश्रा बताते है कि "जिस तरह से मच्छरों के लार्वा से रोग फैलता है वैसे ही कीड़ों के लार्वा से स्क्रब टाइफस फैलता है. जिससे की हाल ही में मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत हुई है. स्क्रब से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी को दिशा निर्देश दिए है कि दवा का छिड़काव और फॉगिंग करवाया जाए. डॉ संजय मिश्रा बताते है कि डेंगू के साथ साथ स्क्रब वायरस को भी नियंत्रण में रखने का स्वास्थ्य विभाग प्रयास कर रहा है."

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कैसे बचेस्क्रब टाइफस से ? (Protection Against Scrub Typhus)

  • संक्रमित घुन और पिस्सुओं से बचाव के लिए शरीर पर लगाने वाली क्रीम रिपेलेन्ट का उपयोग करें.
  • खेत, जंगल, झाडिय़ों में जब भी जाएं पूरे कपड़े पहन कर जाएं. खुले स्थान पर घुन या पिस्सू न काट सकें, इसके लिए संबंधित क्रीम लगाएं.
  • प्रभावित क्षेत्रों में घास फूस और झाड़ियों पर बैठें या सोएं नहीं.
  • घर के आसपास की घास फूस और झाड़ियों को काट कर जला दें.
  • घर मे साफ साफाई रखे, खाने को खुला न रखें.
  • शरीर को साबुन से धोएं और मोटे कपड़े से रगड़कर साफ करें.
  • चूहों से दूरी बना कर रखें.

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