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एक दिसंबर से खुल सकते हैं छोटे बच्चों के स्कूल, शिक्षा विभाग को सीएम की मजूरी का इंतजार

कोरोना काल में करीब 8 माह बाद प्रदेश के स्कूल खुल सकते हैं. शिक्षा विभाग ने सीएम को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर यदि मंजूरी मिल जाती है तो 1 दिसंबर से पूरी क्षमता के साथ हफ्ते में 4 दिन स्कूल खुल सकेंगे.

Schools can open from 1st to 8th class from 1st December
खुल सकते है छोटे बच्चों के स्कूल

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Published : Nov 16, 2020, 12:09 AM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते 8 माह से बंद स्कूलों में एक बार फिर घंटी बजाने की तैयारी हो रही है. प्रदेश के शासकीय और निजी स्कूल दिसम्बर माह से खुल सकते हें. स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था, जिस पर अभी विचार किया जा रहा है. यह प्रस्ताव कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए है. यदि विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो 1 दिसंबर से प्रदेश में कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाएं पूरी क्षमता के साथ हफ्ते में 4 दिन लगाई जाएंगी.

कक्षा 9वीं से 12वीं की डाउट क्लासेस 21 सितंबर से लग रही है. इन क्लासेस में वो बच्चे पहुंच रहे है जो ऑनलाइन कक्षाओं से नही जुड़ पाते या जिनके पास ऑनलाइन क्लासेस के लिए पर्याप्त साधन नहीं है. वहीं कक्षा पहली से आठवीं के छात्रों के लिए कोरोना के खतरे को देखते हुए डाउट क्लास में मंजूरी नहीं मिली थी. इनकी कक्षाएं दूरदर्शन और ऑनलाइन के माध्यम से ही लग रही हैं.

पहली से पांचवीं के बच्चों की क्लास सितंबर माह से ऑनलाइन नहीं लग रही है क्योंकि बाल आयोग ने छात्रों की आंखों की चिंता करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर ऑनलाइन क्लास बन्द करने की मांग की थी. जिसको मंजूरी देते हुए विभाग ने पहली से पांचवी की कक्षाएं दूरदर्शन, डीजी लैब और हमारा घर हमारा विद्यालय के लगाने की व्यवस्था की थी. हालांकि अब विभाग ने एक बार फिर स्कूल खोलने पर विचार किया है जिसके लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है.

यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो कोरोना के करीब 8 माह बाद प्रदेश के स्कूलों में चहल पहल होगी. बच्चे पूरी क्षमता से स्कूल आ सकेंगे. हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हए अभिभावकों की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. इस प्रस्ताव में विभाग ने हफ्ते में 4 दिन कक्षाएं खोलने की बात कही है. साथ ही सुबह 9 से 2 बजे तक अलग-अलग शिफ्ट में कक्षाएं लगाने की बात की गई है, जिससे सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन किया जा सके.

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