भोपाल। एमपी में ऑक्सीजन की कमी (Lack of oxygen) के चलते पूरे प्रदेश में अस्पतालों की भयानक तस्वीरें सामने आ रही थी. जिसके बाद सरकार ने अब ऑक्सीजन की पूर्ति (oxygen supply) के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) खरीदे हैं, साथ ही अन्य राज्यों से भी मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन आ रही है. प्रदेश में अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए सरकार ने दो हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए हैं. राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल के पास स्थित मालवीय भवन को कंट्रोल रूम बनाया है, जहां से यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अलग-अलग अस्पतालों में भेजे जाएंगे. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने कंट्रोल रूम का दौरा किया और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राजधानी भोपाल में डेढ़ सौ कंसंट्रेटर अलग-अलग अस्पतालों में भेजे जाएंगे. ताकि लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर उसकी कमी ना हो.
150 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन पहुंची भोपाल ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए बनाया गया है ग्रीन कॉरिडोर
एमपी में ऑक्सीजन की भारी किल्लत से जूझ रही मध्य प्रदेश सरकार अब गुजरात, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी ऑक्सीजन के टैंकर मंगा रही है. इसके लिए सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है और अब इन कंटेनर्स को किसी भी चेक पोस्ट और टोल पर नहीं रोका जाएगा. ऑक्सीजन से भरे ट्रकों के साथ एक पुलिस का फॉलो वाहन साथ में रहेगा. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के मुताबिक एक ऑक्सीजन मशीन दो मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाएगी. इसमें मैक्सिमम 5 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार करेगी. ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कमरे की एयर को ऑक्सीजन में कन्वर्ट करती है और एक मशीन दो लोगों को ऑक्सीजन दे सकती है.
ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मशीन पहुंची भोपाल सरकार हर चुनौती के लिए है तैयार- मंत्री विश्वास सारंग
प्रदेश में करीब 50 हजार कोरोना मरीज हैं और अप्रेल के आखिरी तक लगभग एक लाख तक आकंड़ा पहुंचने की सम्भावना है और अब सरकार के लिए आने वाला समय में बड़ी चुनौती है. ईटीवी भारत से बातचीत में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विशवास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने बताया कि सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. कई अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड अस्पलात (Dedicated Covid Hospital) बना रहे हैं, साथ ही ऑक्सीजन की आपूर्ति (oxygen supply) के लिए भिलाई और गुजरात से व्यवस्था की है. इसके अलावा रेमदेसीविर इंजेक्शन (Remadesivir Injection) भी सरकार उपलब्ध करा रही है. इसके लिए सरकारी हेलिकॉप्टर और स्टेट प्लेन से प्रदेश के हर कोने-कोने में अस्पतालों में पहुंचा रही है और मरीजों के लिए अभी तक 40 हजार बेड की व्यवस्था की है.