भोपाल। 15 से 25 साल की नौकरी या 50 साल की उम्र वाले फॉर्मूले पर प्रदेश के सभी 127 अधिकारी फिट बैठते हैं. लिहाजा अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए किसी भी आईपीएस अधिकारी का नाम केंद्र सरकार को नहीं भेजा जाएगा. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में बनी समीक्षा समिति (IPS review committee examination in Bhopal) की बैठक हुई, जिसमें किसी भी आईपीएस अधिकारी की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए अनुशंसा नहीं की गई है.
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127 आईपीएस के नामों पर विचार
मंत्रालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, डीजीपी विवेक जौहरी और छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी आरके की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के 127 आईपीएस अधिकारियों के प्रकरणों पर विचार किया गया, जिसमें देखा गया कि इन अफसरों की सीआर कैसी है, उनके खिलाफ विभागीय जांच अन्य प्रकरणों में चल रही जांच और अब तक के कार्यकाल में उनकी परफॉर्मेंस (127 ips performance test in mp) आदि को लेकर समीक्षा की गई.
विभागीय परीक्षा में पास हुए सभी IPS
समीक्षा में यह भी देखा गया कि कौन-कौन से अफसर बीमारियों के चलते ज्यादा छुट्टियां ले रहे हैं और इस वजह से कार्यों को बेहतर तरीके से नहीं कर पा रहे हैं. समीक्षा के दौरान सभी 127 आईपीएस अधिकारी योग्य पाए गए हैं, प्रदेश के किसी भी अधिकारी का नाम अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए भारत सरकार को अनुशंसित (127 IPS withholding compulsory retirement in MP) नहीं किया गया है.