भोपाल। शहर में कोरोना संक्रमण के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. शहर के कई क्षेत्रों में लगातार संक्रमित मरीज हर दिन सामने आ रहे हैं, संक्रमित मरीजों का तेजी से सामने आने का सिलसिला जुलाई माह से शुरू हुआ था जो अभी भी बरकरार है. भले ही प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए 24 जुलाई से 10 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया था, लेकिन बावजूद इसके संक्रमण कम नहीं हुआ है.
जिस तरह से लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है, वैसे ही संक्रमित मरीजों का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण से पिछले कुछ दिनों के दौरान मौत का आंकड़ा भी धीरे-धीरे अब बढ़ने लगा है, जिसकी वजह से सरकार की चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
बुधवार देर रात तक कोरोना संक्रमण से करीब 11 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है. जिसमें से 6 संक्रमित मरीजों की मौत हमीदिया अस्पताल के कोविड-19 में हुई है, वहीं 2 मरीजों की मौत चिरायु अस्पताल में तो दो अन्य पॉजिटिव मरीजों की मौत एम्स अस्पताल में हुई है.
इसके अलावा एक अन्य पॉजिटिव मरीज की मौत शहर के बंसल अस्पताल में हुई है. जिसके बाद जिले में अबतक 208 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है, बुधवार को हुई मौतों में शाहजहानाबाद थाने में पदस्थ एएसआई की भी मौत हो गई है. इसके अलावा बैरागढ़ क्षेत्र में एक 24 साल के युवक और एक अन्य महिला की भी मौत कोरोना से हुई है .
बता दें कि अब तक प्रदेश में किसी भी जिले में 1 दिन में कोरोना संक्रमण के चलते इतनी मौत नहीं हुई हैं. यह पहला मौका है जब भोपाल में एक ही दिन में 11 लोगों की मौत हुई है, इंदौर शहर में ही अधिकतम 1 दिन में 8 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन जिस तरह से राजधानी में कोरोना संक्रमण अपने पैर पसारता जा रहा है उसकी वजह सें ना केवल संक्रमित मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है, बल्कि पहली बार एक ही दिन में इतनी मौतें भी हुई हैं.
एक ही दिन में इतनी मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. क्योंकि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर लगातार संक्रमण को कम करने के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी ना ही संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आ रही है और ना ही लगातार हो रही मौतों को थामने में प्रशासनिक व्यवस्था काम आ रही है.
वहीं दूसरी ओर भोपाल संभाग के संभागायुक्त ने इतनी अधिक मौत होने के बाद तत्काल प्रभाव से देर रात ही मृत मरीजों का डेट ऑडिट करने का निर्देश दे दिया है. ताकि मरीजों की मौतों की असली वजह भी सामने आ सके कि आखिर क्या कारण है जिसके चलते एक ही दिन में 11 लोगों की मौत हुई है.