भोपाल।देशभर में इस बार कोरोना वायरस महामारी के बीच होली का त्योहार मनाया जा रहा है. सरकार ने होली में लोगों की ज्यादा भीड़ जमा ना हो, इसलिए कई पाबंदियां लगाई हैं. इसी कड़ी में राजधानी भोपाल में भी इस बार लोगों ने नियमों के तहत होली मनाई.
- चौराहों पर पुलिस का कड़ा पहरा
होली के त्योहार पर लोग अनावश्यक ना घूमें, इसके लिए प्रशासन ने कई तैयारियां की थीं. शहर के चौराहों पर पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया था. सड़क पर चल रहे लोगों से पूछताछ की जा रही थी, ताकि किसी भी प्रकार के हु़ड़दंग को रोका जा सके. राजधानी में इस बार क्लोज कैम्पस कॉलोनियों में सरल तरीके से गुलाल से होली खेली गई. कुछ लोगों ने गानों के शोर के साथ भी इस त्योहार के जश्न को मनाया.
100 साल पुरानी परंपरा की 'कुर्बानी - 100 साल पुरानी परंपरा टूटी
भोपाल में हिंदू उत्सव समिति ने सोमवार को होली का 'चल समारोह' ना निकालने का फैसला किया था. जिसके बाद 100 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज टूट गई . हिंदू उत्सव समिति का कहना था कि समाज को कोरोना से बचाने के लिए यह करना उनके लिए जरुरी हो गया था.
होली के अनोखे रंग, PPE किट में मेडिकल छात्रों ने खेली होली
राजधानी में शनिवार रात से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन का असर दिखा. हालांकि कई लोग होलिका दहन को देखने के लिए जमा भी हुए. वहीं, राजधानी की क्लोज कैम्पस कॉलोनियों में होली मनाने को लेकर पूरी तैयारियां की गई थी और लोगों ने इस दौरान डांस-गाने, खान पान की पूरी व्यवस्था की थी. कोरोना महामारी के बीच मनाई गई होली को लेकर फॉर्च्यून डिलाइट कॉलोनी की रहने वाली वंदना शर्मा और विनीता चतुर्वेदी का कहना था कि उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही होली मनाने का इंतजाम किया था, लॉकडाउन में बच्चों की खुशी के लिए ये सब करना पड़ रहा है.
- कैटरिंग व्यवसाय पर असर
शहर में होली पर कई प्रकार की पाबंदियां लगने से कैटरिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों पर इसका खासा असर पड़ा है. कैटरिंग व्यवसायी रामकृष्ण विश्वकर्मा का कहना है कि पिछले साल पूरा कैटरिंग व्यवसाय ठप रहा था, लंबे समय बाद होली में इस तरह का काम मिला है, सरकार से आग्रह है कि हमारी रोजी-रोटी ना छीनी जाए और हमें काम करने की छूट दी जाए.