मध्य प्रदेश

madhya pradesh

जून में न्यूनतम तापमान का 10 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूटा, प्रदेश के कई जिलों में होगी जमकर बारिश

By

Published : Jun 6, 2020, 1:15 PM IST

निसर्ग तूफान की वजह से प्रदेश भर में जल्दी बारिश आ गई है. वहीं इसी के चलते भोपाल में न्यूनतम तापमान का पिछले 10 साल का रिकार्ड भी टूटा है.

Bhopal
Bhopal

भोपाल| राजधानी में पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश का क्रम जारी है, निसर्ग तूफान की वजह से आई नमी के कारण प्रदेश के कई जिलों में जमकर बारिश हुई है. हालांकि शुक्रवार को दिन में मौसम पूरी तरह से खुला हुआ था और तेज धूप दिखाई दे रही थी, लेकिन शाम होते-होते मौसम ने अपना रुख बदल लिया वातावरण में नमी रहने से उमस ने भी लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया. शहर में दिन के समय धूप निकल रही है तो वहीं शाम को मूसलाधार बारिश का नजारा देखने को मिल रहा है. शुक्रवार शाम और रात के समय गरज चमक के साथ बारिश हुई है. इस दौरान तेज हवाओं का दौर भी देखने को मिला है.

राजधानी में शुक्रवार को देर शाम करीब आधे घंटे की बारिश से 2 सेंटीमीटर तक पानी गिरा है. वहीं रात के समय लोगों को ठंड का एहसास भी होने लगा है, हालांकि अचानक आई तापमान में गिरावट से लोग काफी खुश हैं, क्योंकि इससे लोगों को गर्मी से थोड़ी निजात मिली है. मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को दिन का अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री दर्ज हुआ है, जो सामान्य से 7 डिग्री कम रहा है, साथ ही गुरुवार को अधिकतम तापमान (22 .6) के मुकाबले 10 डिग्री अधिक रहा है, शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 19.0 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है, जो सामान्य से 8 डिग्री कम रहा है, वर्ष 2009 से अभी तक जून माह का यह सबसे कम न्यूनतम तापमान है, इसके पूर्व 19 जून 2012 को न्यूनतम तापमान 21.4 डिग्री दर्ज हुआ था.

मौसम विभाग के अनुसार निसर्ग तूफान के असर से वातावरण में अभी भी काफी नमी बरकरार है, शुक्रवार को सुबह से धूप निकलने से तापमान में बढ़ोतरी जरूर दर्ज की गई थी. इसकी वजह से दोपहर के बाद गरज चमक के साथ तेज बौछारें पड़ी है, जो रुक-रुक कर देर रात तक जारी रही.

मौसम विभाग के अनुसार आज भी मौसम कुछ इसी तरह का बना रहने वाला है. दोपहर के बाद मौसम में एक बार फिर से बदलाव देखने को मिलेगा और शाम के समय तेज बारिश प्रदेश के कई जिलों में हो सकती है. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मानसून की हलचल शुरू होने लगी है. साथ ही हवाओं का रुख भी बीच-बीच में दक्षिण पश्चिमी होने लगा है. इससे नवी आने का सिलसिला जारी है इस वजह से मानसून पूर्व की गतिविधियों में और तेजी आ रही है यह मानसून के लिए अच्छा संकेत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details