मध्य प्रदेश में 'डेंगू का डंक': अब तक 10 हजार मामले आए सामने, सरकार नहीं कर रही फॉगिंग - ETV bharat News
मध्य प्रदेश में इस बार डेंगू के मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. अक्टूबर तक प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके है. अभी डेंगू का पीक नवंबर और दिसंबर आना बाकी है. सरकार इसे रोकने के लिए फॉगिंग करने का दावा तो कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार के काम दिखाई नहीं दे रहे है.
मध्य प्रदेश में डेंगू का कहर
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Published : Oct 27, 2021, 7:05 PM IST
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Updated : Oct 27, 2021, 9:41 PM IST
भोपाल।मध्य प्रदेश में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. अभी तक प्रदेश में 10,000 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिल चुके है. लेकिस सरकार ऐसे माहोल में भी गली-मोहल्लों में फॉगिंग नहीं करवा रही है. बड़ी कॉलोनी तो छोड़ीए निचली बस्तियों में भी गंदगी के बीच मच्छर पनप रहे है. निचली बस्तियों में तो हाल ये है कि घरों के आस-पास ही नाली है, जिनमें मच्छर पैदा हो रहे हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि हर उस जगह पर फॉगिंग की जा रही है, जहां मच्छर पनपने की आशंका है. दूसरी ओर लोग दिवाली पर घरों की सफाई कर रहे हैं, लेकिन वह परेशान है कि सड़कों पर मच्छरों का अंबार है.
मध्य प्रदेश में 'डेंगू का डंक'
पीक टाइम से पहले प्रदेश में 10 हजार केस
मध्य प्रदेश के मंदसौर, उज्जैन, गवालियर, सागर और विदिशा क्षेत्र डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. पूरे प्रदेश में इस बार आंकड़ा डेंगू के 10 हजार मामले सामने आ चुके है. 2018 में जहां प्रदेश में 5 हजार मामले सामने आए थे. वहीं इस साल अक्टूबर माह तक 10 हजार केस मिल चुके हैं. जबकि डेंगू का पीक टाइम नवंबर और दिसंबर अभी बचा है.
प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मच्छरों को कंट्रोल करने के लिए हर जिले में लगातार फॉगिंग करवाई जा रही है. लेकिन हकीकत उसके उलट है. ईटीवी भारत में भी कई कॉलोनियों के साथ उन निचली बस्तियों का रियलिटी चेक किया. जहां पर डेंगू और मलेरिया की संभावना सबसे ज्यादा है. ऐसे में देखने को मिला कि कॉलोनियों में बाहर ही नालियां बनी है, जिनमें मच्छर पनप रहे है. इसके आसपास लोग रहने को मजबूर है. लोगों का कहना है कि दीपावली पर घर की सफाई तो कर लेते हैं, लेकिन बाहर फॉगिंग करने वाला कोई नहीं आता.
भोपाल के सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी कहते हैं कि लगातार फॉगिंग की जा रही है, जहां से भी शिकायत मिल रही है वहां पर अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. सीएमएचओ तिवारी भले ही लाख दावे करें, लेकिन हकीकत सबके सामने है.